पानी के 43 करोड़ के बिल को लेकर एफएमडीए-नगर निगम आए आमने-सामने

निगम की माली हालत है खस्ता :

नगर निगम की माली हालत खस्ता है। कई बार तो अपने ही कर्मचारियों का वेतन देने के लाले पड़ जाते हैं। कई जगह से कर्जा भी लिया हुआ है। जिसका ब्याज तक नहीं अदा किया जा रहा है। अब एक नई मुसीबत एफएमडीए की ओर से सामने आई है। एफएमडीए द्वारा 43 करोड़ का बिल मांगे जाने पर अधिकारी नाराज भी हैं। नगर निगम की ओर से एफएमडीए अधिकारियों से रेनीवेल लगाने में खर्च हुए 390 करोड़ रुपये देने की मांग की है। निगम अधिकारियों की मानें तो इस राशि का अभी तक निगम ब्याज भर रहा है। निगम की ओर से पूरा ढांचा खड़ा किया गया था, जिसका संचालन अब एफएमडीए कर रहा है।

22 रेनीवेल एफएमडीए के पास :

नगर निगम और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के 22 रेनीवेल अब एफएमडीए के पास आ गए हैं। इनका रखरखाव एफएमडीए करता है। यहां से पानी बूस्टर तक पहुंचाने का काम एफएमडीए का है। बाकी शहर में सप्लाई नगर निगम के पास है। शहर के बूस्टिग स्टेशनों तक पानी सप्लाई करने वाले एफएमडीए ने नगर निगम को आठ माह का 43 करोड़ रुपये का बिल थमाया है। एफएमडीए के अनुसार आठ माह तक नगर निगम को पानी सप्लाई किया है, लेकिन नगर निगम ने अभी तक एक भी रुपया नहीं दिया है।

वर्जन :

पानी का बिल भेजा गया है। सरकार के स्तर पर मामला सुलझ जाएगा। उच्च अधिकारियों को इस मामले से अवगत करा दिया गया है। पेयजल सप्लाई बिल्कुल भी प्रभावित नहीं की गई है।

एनडी वशिष्ठ, मुख्य अभियंता, एफएमडीए

वर्जन :

एफएमडीए को पानी के बिल के दाम कम करने होंगे। निगम दो रुपये प्रति लीटर के हिसाब से आमजन तक पानी पहुंचा रहा है। निगमायुक्त की ओर से मामला उच्च अधिकारियों के संज्ञान में ला दिया है।

– ओमबीर सिंह, अधीक्षण अभियंता, नगर निगम

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