राहुल गांधी का आज ED के सवालों से सामना, सुबह 10. 30 बजे पेशी, कांग्रेस के मार्च को नहीं मिली मंजूरी

दिल्ली: राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के साथ ईडी ऑफिस तक कांग्रेस नेताओं–कार्यकर्ताओं के मार्च को दिल्ली पुलिस ने इजाजत नहीं दी है. कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर जांच एजेंसी का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए फैसला किया था कि 13 जून को प्रवर्तन निदेशालय (ED) के समक्ष राहुल गांधी की पेशी के दौरान पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद ईडी कार्यालय के बाहर ‘सत्याग्रह’ करेंगे और दिल्ली में जांच एजेंसी के मुख्यालय तक मार्च करेंगे. वहीं नेशनल हेराल्ड-एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड सौदे से जुड़े धनशोधन मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी नेता राहुल गांधी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा समन जारी करने के मामले को लेकर कांग्रेस ने देशव्यापी सत्याग्रह का ऐलान किया था.

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से इस मामले में पूछताछ किए जाने की संभावना है. राहुल को पहले दो जून को पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन उन्होंने विदेश यात्रा पर होने के चलते नयी तारीख मांगी थी. ईडी ने उन्हें 13 जून को तलब किया है. यह मामला पार्टी समर्थित यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड में कथित वित्तीय अनियमितता की जांच से जुड़ा है. ‘नेशनल हेराल्ड’ एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) द्वारा प्रकाशित किया जाता है और उसका स्वामित्व यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के पास है. ईडी के अधिकारियों ने बताया था कि एजेंसी धन शोधन रोकथाम अधिनियम (PMLA) की आपराधिक धाराओं के तहत सोनिया और राहुल के बयान दर्ज करना चाहती है.

पायलट ने लगाया ये आरोप

राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कांग्रेस के शीर्ष नेताओं को ईडी के नोटिस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का षड्यंत्र बताया. अधिकारियों ने कहा था कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और गांधी परिवार से पूछताछ ईडी की जांच का हिस्सा है ताकि यंग इंडियन और एजेएल के हिस्सेदारी पैटर्न, वित्तीय लेनदेन और प्रवर्तकों की भूमिका को समझा जा सके. यंग इंडियन के प्रवर्तकों और शेयरधारकों में सोनिया तथा राहुल सहित कांग्रेस के कुछ अन्य सदस्य शामिल हैं.

2013 में दर्ज हुई थी शिकायत

यहां की एक निचली अदालत द्वारा यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ आयकर विभाग की जांच का संज्ञान लिए जाने के बाद एजेंसी ने पीएमएलए के आपराधिक प्रावधानों के तहत एक नया मामला दर्ज किया था. भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने इस संबंध में 2013 में एक शिकायत दर्ज कराई थी.

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