गहलोत समर्थकों ने गांधी परिवार को दिखाया आईना, समर्थन में इस्तीफों की झड़ी, तो क्या कांग्रेस टूट के कगार पर खड़ी?

कांग्रेस (Congress) का नया अध्यक्ष (New President) कौन होगा? इस सवाल का जवाब मिल पाता उससे पहले अब ये सवाल खड़ा हो गया है कि राजस्थान (Rajasthan) का अगला सीएम (Chief Minister) कौन होगा? जयपुर (Jaipur) की सियासी पिच पर कांग्रेस के खिलाफ राजस्थान कांग्रेस उतर गई.

कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए सीएम अशोक गहलोत का नामांकन तय था, लिहाजा राजस्थान का अगला सीएम कौन होगा इस पर मंथन करने के लिए रविवार शाम 7 बजे विधायकों की मीटिंग बुलाई गई थी. राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन और बतौर पर्यवेक्षक जयपुर भेजे गए सीनियर कांग्रेस लीडर मल्लिकार्जुन खड़गे कों भनक तक नहीं थी कि अशोक गहलोत एक मास्टर स्ट्रोक के साथ उनका इंतजार कर रहे हैं.

जानिए 10 बड़ी बातें

1-रात 8 बजकर 13 मिनट. यही वक्त हो रहा था जब सचिन पायलट अपने आवास से मीटिंग के लिए सीएम हाउस की तरफ निकले थे. फासला कहने को कम था लेकिन सचिन पायलट के लिए दूरी बहुत ज्यादा थी क्योंकि उन्हें अहसास हो चुका था कि जिस मीटिंग के लिए वो जा रहे हैं वो मीटिंग होगी ही नहीं. 25 सितंबर को राजस्थान कांग्रेस का पॉलिटिकल ड्रामा कब औऱ कैसे शुरु हुआ. ये जानने के लिए हमें 25 सितंबर की टाइमलाइन पर गौर करना होगा.

2-रात 8 बजे पायलट गुट के करीब 25 विधायक CLP मीटिंग के लिए सीएम आवास पहुंचे. चूंकि इस मीटिंग में राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन और बतौर पर्यवेक्षक जयपुर भेजे गए सीनियर कांग्रेस लीडर मल्लिकार्जुन खड़गे का भी पहुंचना जरूरी था. लिहाजा करीब सवा 8 बजे दोनों सीएम आवास के लिए निकल गए.

3-पायलट गुट के 25 विधायक CM आवास पहुंचे. उधर 4 अस्पताल मार्ग पर मंत्री शांति धारीवाल के घर पहुंचने वाले गहलोत गुट के विधायकों की तादाद बढ़ती जा रही थी. रात 8 बजकर 40 मिनट पर खबर आई कि गहलोत गुट के विधायक इस्तीफा देंगे.

4-रात 9 बजकर 10 मिनट पर ये नाराज विधायक विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी के घर एक लग्जरी बस में सवार होकर निकल पड़े. गहलोत गुट को इस्तीफे पर अड़ा देखकर खड़गे और माकन ने बड़ा फैसला किया और CLP की मीटिंग रात 10 बजे रद्द कर दी गई.

5-साढ़े 10 बजे नाराज विधायकों का प्रतिनिधि मंडल CM हाउस गया. एक घंटे बाद सीपी जोशी के घर प्रतिनिधि मंडल पहुंचा और रात करीब 12 बजे नाराज विधायक सीपी जोशी के घर से निकले.

6-23 सितंबर को एबीपी न्यूज के कैमरे पर अशोक गहलोत ने खुद कहा था कि राजस्थान का अगला सीएम कौन होगा वो आलाकमान और प्रभारी तय करेंगे लेकिन अब गहलोत को आलाकमान के प्रोजेक्ट पायलट पर ही ऐतराज हो चला है.

7-अब सवाल है कि क्या अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ेंगे…और इससे भी बड़ा सवाल ये कि क्या आलाकमान के फैसले के खिलाफ बगावत करने वाले गहलोत का अध्यक्ष बनना संभव है?

8-गहलोत ट्वीट पर ट्वीट करके कांग्रेस हाईकमान को राजनीति के मायने सिखा रहे हैं. गहलोत कह रहे हैं कि आलाकमान की पहली प्राथमिकता 2023 का राजस्थान विधानसभा चुनाव जीतना ही होनी चाहिए क्योंकि कांग्रेस के पास बड़े राज्य के नाम पर राजस्थान ही है.

9-कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए 22 सितंबर को अधिसूचना जारी हो चुकी है. 30 सितंबर तक पर्चा दाखिल करने की प्रक्रिया चलेगी. अभी इस लड़ाई को गहलोत बनाम थरूर के तौर पर देखा जा रहा है लेकिन राजस्थान के पॉलिटिकल ड्रामे ने सस्पेंस बढ़ा दिया है.

10-चूंकि कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में सबसे खास भूमिका कांग्रेस की प्रदेश कांग्रेस कमेटी यानी PCC की होती है और PCC के डेलीगेट्स की नजर राजस्थान के सियासी ड्रामे पर बनी है. इसलिए गहलोत के शक्ति प्रदर्शन का असर कांग्रेस प्रेसिडेंट इलेक्शन पर पड़ना लाजिमी है.

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