सरकार बातचीत को तैयार, किसान करेंगे हरियाणा में हाइवे जाम…आखिर क्यों नहीं बन पा रही बात?

किसान पिछले 10 दिनों से पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं. आंदोलन के बीच सरकार और किसानों के बीच बातचीत का दौर भी चल रहा है. अब तक चार दौर की बातचीत हो चुकी है. सरकार ने पांचवें दौर की वार्ता का न्योता किसानों को दिया है. कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने बुधवार को किसानों को न्योता दिया. सरकार किसानों से MSP, पराली, फसल विविधता और FIR पर बातचीत करने के लिए तैयार है. सरकार के न्योते पर किसानों ने कहा कि अभी तक बातचीत की चिट्ठी नहीं मिली है

न्योता ऐसे वक्त दिया गया जब किसान पंजाब से दिल्ली कूच की तैयारी में थे. हालांकि शंभू बॉर्डर पर सुरक्षा के तगड़े इंतजाम के कारण उनका प्लान सफल नहीं पाया. इस बीच उन्होंने दिल्ली कूच का प्लान दो दिन के टाल दिया है. हालांकि इस दौरान किसान शंभू बॉर्डर पर जमे रहेंगे. फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी और कृषि ऋण माफी सहित अपनी मांगों को लेकर हजारों किसान शंभू बॉर्डर पर डेरा डाले रहेंगे.

किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि दिल्ली जाने के फैसले पर दो दिन स्टे होगा. इस दौरान क्या फैसला लेना होगा इसपर विचार करेंगे. अगले दो दिनों तक किसान हालात का जायजा लेंगे और आगे की रणनीति पर विचार करेंगे. आपस में चर्चा के बाद किसान शुक्रवार शाम को अपने अगले कदम का ऐलान करेंगे.

सरकार बातचीत के जरिए किसानों के मसले का हल निकालना चाहती है. इसलिए किसानों से लगातार बातचीत कर रही है. केंद्र सरकार का कहना है कि हम बातचीत के लिए आज भी तैयार हैं और आगे भी रहेंगे. कृषि मंत्री ने कहा कि हमारी यही अपील है कि सारे जो ऐसे किसान संगठन के लोग हैं, वो संयमता के साथ वार्ता में भाग लेकर स्थायी समाधान निकाले. क्या-क्या रास्ता हो सकता है उसपर चर्चा के माध्यम से आगे बढ़ें और समाधान करें.

हाइवे जाम करने का फैसला
उधर, भारतीय किसान यूनियन से जुड़े गुरनाम सिंह चढूनी के समर्थकों ने आज हरियाणा के सभी हाईवे जाम करने का फैसला किया है . भारतीय किसान यूनियन ने ये फैसला पंजाब के किसानों के समर्थन में लिया है. गुरनाम सिंह चढूनी के समर्थक दोपहर 12 बजे से हरियाणा के हर जिले में दो घंटे के लिए सड़कों को जाम करेंगे. दोपहर 2 बजे के बाद गुरनाम सिंह चढूनी के नेतृत्व वाली भारतीय किसान यूनियन की कोर कमेटी की बैठक होगी. बैठक में किसान नेता आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे.

कहां फंसा पेच?
केंद्र सरकार का मानना है कई लोग सिर्फ राजनीति कर रहे हैं. कुछ लोग सरकार के हर ऑफर को ठुकराने में दिलचस्पी रखते हैं. सरकार का कहना है कि वो किसानों को लेकर गंभीर है. वहीं, किसानों का कहना है कि सरकार चाहती है कि हम दिल्ली न आ पाएं. सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि दिल्ली जाना हमारा अधिकार है. हमें शांति से दिल्ली जाने दिया जाए.

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