दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण के स्तर में गिरावट के बीच केंद्र सरकार के दिल्ली-एनसीआर वायु गुणवत्ता पैनल ने ग्रैप-3 प्रतिबंधों को रद्द कर दिया है। हालांकि ग्रैप-1 और ग्रैप-2 के तहत आने वाले प्रतिबंध लागू रहेंगे।
ग्रैप तीन हटने से होगा ये बड़ा बदलाव
ग्रैप-3 हटने के बाद दिल्ली और आसपास के इलाकों में बीएस-तीन पेट्रोल और बीएस-चार डीजल वाहनों पर प्रतिबंध हट गया है। इससे ये वाहन बिना रोक-टोक के जा सकेंगे।
क्या होता है ग्रैप फार्मूला?
ग्रैप को दिल्ली एनसीआर में प्रतिकूल वायु गुणवत्ता के चार अलग-अलग चरण के हिसाब से बांटा गया गया है। ग्रैप का चरण-1 उस वक्त लागू होता है, जब दिल्ली में AQI का स्तर 201-300 के बीच होता है। मौजूदा समय में दिल्ली में ग्रैप का चरण-1 ही प्रभावी था। ग्रैप का दूसरा चरण उस परिस्थिति में प्रभावी होता है, जब राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक 301-400 के बीच ‘बहुत खराब’ मापा जाता है। चरण-3 ‘गंभीर’ वायु गुणवत्ता के बीच लागू किया जाता है। इस वक्त दिल्ली में एक्यूआई 401-450 के बीच होता है। वहीं ग्रैप कार्य योजना का अंतिम और चरण-4 ‘गंभीर +’ वायु गुणवत्ता की परिस्थिति में लागू किया जाता है।
ग्रैप तीन के तहत इन कार्य पर थी पाबंदी
-पूरे एनसीआर में धूल पैदा करने वाली व वायु प्रदूषण फैलाने वाली सीएंडडी गतिविधियों पर सख्त प्रतिबंध था।
-बोरिंग और ड्रिलिंग कार्यों सहित खुदाई और भराई के लिए मिट्टी का काम।
-पाइलिंग कार्य, सभी विध्वंस कार्य।
-ओपन ट्रेंच सिस्टम द्वारा सीवर लाइन, पानी की लाइन, ड्रेनेज और इलेक्ट्रिक केबलिंग आदि बिछाना।
-ईंट/चिनाई कार्य।
-प्रमुख वेल्डिंग और गैस-कटिंग कार्य, हालांकि, एमईपी (मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और प्लंबिंग) कार्यों के लिए छोटी वेल्डिंग गतिविधियों की अनुमति दी जाएगी।
-सड़क निर्माण गतिविधियां और प्रमुख मरम्मत।
-परियोजना स्थलों के भीतर व बाहर कहीं भी सीमेंट, फ्लाई-ऐश, ईंट, रेत, पत्थर आदि जैसी धूल पैदा करने वाली सामग्रियों का स्थानांतरण, लोडिंग/अनलोडिंग।
-कच्ची सड़कों पर निर्माण सामग्री ले जाने वाले वाहनों की आवाजाही।
-विध्वंस अपशिष्ट का कोई भी परिवहन।