मास्क न लगाने पर हाईकोर्ट सख्त, इन 4 जिलों में हर 2KM पर 2 सिपाही तैनात करने के निर्देश

प्रयागराज. इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने प्रदेश के चार बड़े शहरों में कोरोना संक्रमण (Covid-19) के बढ़ते मामले पर असंतोष जताया है. हाईकोर्ट ने लखनऊ, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर और मेरठ में बढ़ रहे संक्रमण असंतोष जाहिर करते हुए कहा कि लोग मास्क पहने यह सुनिश्चित करने के लिए हर दो किलोमीटर पर दो सिपाहियों की तैनाती की जाए. पुलिस के सिपाही लोगों के मास्क पहनने के नियम का अनिवार्य रूप से पालन करवाएं. हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई में तैनात पुलिसकर्मियों के नामों की सूची भी तलब की है.

हलफनामे पर जताया असंतोष

इससे पहले सुनवाई करते हुए जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस अजीत कुमार की खंडपीठ ने इन चार जिलों के पुलिस और प्रशासनिक प्रमुखों द्वारा दाखिल हलफनामे पर असंतोष जाहिर किया. हाईकोर्ट ने कहा कि हलफनामे में पूरी जानकारी नहीं दी गई है. कोर्ट ने अगली तारीख पर बेहतर जानकारी के साथ हलफनामा मांगा है. हालाँकि कोर्ट ने कहा कि पुलिस काफी प्रयास कर रही है, लेकिन इसके बावजूद कोविड का संक्रमण बढ़ रहा है. कोर्ट ने कहा कि कोविड की रोकथाम के लिए अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है. कोर्ट ने हर सड़क पर प्रत्येक दो किलोमीटर की दूरी पर दो कांस्टेबल तैनात करने का निर्देश दिया. पुलिस कांस्टेबल लोगों को मास्क पहनने के नियम का अनिवार्य रूप से पालन कराएं. कोर्ट ने अगली सुनवाई पर पुलिसकर्मियों के नामों की सूची पेश करने का दिया निर्देश.

डीएम लखनऊ के हलफनामे पर जताई चिंता
अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने कोर्ट बताया कि कोराना टेस्टिंग हर दिन बढ़ाई जा रही है. कोर्ट ने कहा कोरोना संक्रमितों की ट्रैकिंग ठीक से न होने की वजह से संक्रमण नहीं थम रहा है. डीएम लखनऊ के हलफनामे को देखकर कोर्ट ने जताई चिंता और कहा कि हर दिन तीन सौ से अधिक संक्रमित मिलना चिंताजनक है. कोर्ट ने कहा सिर्फ पुलिसिंग के जरिए ही मास्क पहनने के नियम का पालन कराया जा सकता है.

अगली सुनवाई 17 दिसंबर को

एडवोकेट कमिश्नर ने बताया कि कोर्ट के आदेश के बावजूद खाने-पीने की चीजें खुले में बेची और खाई जा रही हैं. कोर्ट ने कहा कि खाने-पीने का सामान बंद पैकेट में ही बिकना सुनिश्चित हो. कोर्ट ने प्रयागराज पुलिस द्वारा किए जा रहे प्रयासों की तारीफ की. मास्क पहनने पर सख्ती से प्रयागराज में संक्रमितों की संख्या में कमी आई है. कोर्ट ने स्कूल-कॉलेजों की नियमित जांच के भी निर्देश दिए. कोर्ट ने प्राइवेट और सरकारी स्कूलों की नियमित मॉनिटरिंग और सैनिटाइजेशन का निर्देश दिया. अब इस मामले की अगली सुनवाई 17 दिसंबर को होगी.

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