कश्मीर की प्राकृतिक सुंदरता, हरी-भरी घाटियों, बर्फ से ढके पहाड़ और खूबसूरत झीलें स्वर्ग का एहसास कराते हैं. इसी के चलते ही कश्मीर को ‘जन्नत’ या ‘धरती का स्वर्ग’ कहा जाता है. पीएम नरेंद्र मोदी आज शुक्रवार को इसी ‘जन्नत’ के नए रास्ते का उद्घाटन करेंगे, जिसका इंतजार कश्मीर के लोगों को सालों से था. पीएम मोदी दुनिया के सबसे ऊंचे ‘चिनाब ब्रिज’ का उद्घाटन कर देश को समर्पित करेंगे, जो कश्मीर के लिए अब तक का सबसे बड़ा तोहफा माना जा रहा है. पहलगाम हमले के बाद पीएम मोदी का पहला कश्मीर दौरा है, जिसे कई मायने में ऐतिहासिक माना जा रहा है. हमला करने वाले आतंकियों को मिट्टी में मिलाने के बाद और पाकिस्तान को पस्त करने के बाद पीएम मोदी कश्मीर पहुंचेंगे. इस दौरान पीएम मोदी 46 हजार करोड़ के विकास की सौगात देने के साथ-साथ राष्ट्रशक्ति का सियासी संदेश देते नजर आएंगे.
कश्मीर को विकास की सौगात देंगे पीएम
पीएम मोदी केंद्र शासित प्रदेश को कई अहम परियोजनाओं की सौगात देंगे, जिनमें दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल चिनाब ब्रिज, भारत का पहला केबल-स्टे रेल ब्रिज अंजी ब्रिज और उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) परियोजना शामिल हैं. साथ ही पीएम मोदी इस ब्रिज पर दौड़ने वालीं 2 वंदे भारत ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाएंगे, जो इस क्षेत्र में रेल कनेक्टिविटी को और मजबूत करेंगी. एक वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन श्री माता वैष्णो देवी कटरा से श्रीनगर तक चलेगी. चिनाब ब्रिज बनाने वाले लोगों से भी पीएम मुलाकात करेंगे.
चिनाब ब्रिज से बदली ‘जन्नत’ की तस्वीर
पीएम मोदी जिस चिनाब रेलवे ब्रिज को देश को समर्पित करने जा रहे हैं, उससे कश्मीर की तकदीर और तस्वीर दोनों ही बदल जाएगी. चिनाब ब्रिज, जो दुनिया का सबसे ऊंचा रेल आर्च ब्रिज है, भूकंपीय क्षेत्र 5 में स्थित है. यह ब्रिज 2 पहाड़ों के बीच बना है, जहां तेज हवाओं की वजह से विंड टनल फिनोमेना देखा जाता है. इस चुनौती को ध्यान में रखते हुए, ब्रिज को 260 किलोमीटर प्रति घंटा की हवा की गति का सामना करने के लिए डिजाइन किया गया है. इसका निर्माण 2002 में शुरू हुआ और इसे पूरा होने में 20 साल लग गए.
चिनाब नदी पर बने इस पुल की ऊंचाई 359 मीटर है, जो एफिल टॉवर से भी ज्यादा है. यह 1,315 मीटर लंबा स्टील आर्च ब्रिज है, जिसे इस तरह से बनाया गया है कि यह भूकंप और तेज हवाओं को भी झेल सकता है. भौगोलिक तौर पर काफी कठिन इलाके में इस रेल लाइन को तैयार करना आसान काम नहीं था. ऊंचे हिमालय की नाज़ुक पहाड़ियों को तरीके से काटकर और कई जगहों से भेदकर, सुरंग बनाते हुए रेल पटरियां बिछाने का काम किया गया, और अपने आप में यह काफी जटिल काम था. इस पूरे रेल मार्ग में कुल 36 सुरंगें बनाई गई हैं. इतना ही नहीं पहाड़ी रास्ते में चिनाब नदी और उसकी सहायक नदियों की गहरी घाटियों के ऊपर से पुल बिछाए गए. कुल 943 छोटे-बड़े पुल पूरे रास्ते में बनाए गए हैं.
कश्मीर की अब बदल जाएगी तकदीर
चिनाब ब्रिज के शुरू होने से कटरा और श्रीनगर के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस से यात्रा का समय घटकर सिर्फ 3 घंटे रह जाएगा, जो अभी 5-6 घंटे लगते थे. इसके साथ ही कश्मीर भी देश के बाकी हिस्सों से रेलमार्ग के जरिए जुड़ जाएगा, चिनाब ब्रिज के साथ-साथ पीएम मोदी अंजी ब्रिज का भी उद्घाटन करेंगे. चिनाब ब्रिज न सिर्फ एक रेलवे पुल है, बल्कि यह जम्मू-कश्मीर को हर मौसम में देश से जोड़ने का एक मजबूत माध्यम भी है. इसकी भव्यता और इंजीनियरिंग की बारीकियां इसे एक ऐतिहासिक संरचना बनाती हैं.
चिनाब ब्रिज बनने जाने से न सिर्फ कश्मीर के लोगों का सफर आसान हो गया है बल्कि देश की सैन्य ताकत को बढ़ाने वाला है और टूरिज्म से लेकर ट्रेड तक को बुलंदियों तक पहुंचाएगा, जिससे घाटी की तकदीर पूरी तरह से बदलन जा रही है. कश्मीर बर्फबारी के दिनों में भारत से कट जाता था. कश्मीर के लोगों को आने-जाने और व्यापार करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. पीएम मोदी अब जब ये पूरा प्रोजेक्ट देश को समर्पित कर रहे हैं तो 2 नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाएंगे जो श्री माता वैष्णो देवी, कटरा से श्रीनगर जाएंगी और वहां से लौटेगी. उम्मीद है उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लाइन एक ऐसे समय जम्मू-कश्मीर के पर्यटन में नई जान फूंकेगी जब पहलगाम हमले के बाद वहां सैलानियों की तादाद काफी कम हो गई है. कश्मीर को देश के साथ जोड़ने वाली इस रेल परियोजना के साथ ही भारतीय रेलवे ने भी कई कीर्तिमान बना दिए हैं.
राष्ट्रीय सुरक्षा को मिलेगी मजबूती
दुनिया भर की नजर कश्मीर के चिनाब ब्रिज पर लगी हुई है. LoC टू LAC तक इसकी गूंज है. ये देश की सैन्य ताकत को भी बढ़ाने वाला है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूती मिलेगी. नवंबर 2024 में ऐसी खबरें सामने आई थीं कि चीन चिनाब ब्रिज की जासूसी करवा रहा है. इसके लिए उसने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का भी सहारा लिया था. पाकिस्तान की भी नजरें इस पर हमेशा से लगी रही हैं, लेकिन भारत ने दो दशक में बनाकर दुनिया के सामने अपनी इंजीनियरिंग की मिशाल पेश करने के साथ ही भारत की ताकत का भी एहसास करा दिया है.
दरअसल, कश्मीर बर्फबारी के दिनों में भारत से कट जाता था. ऐसी स्थिति में कई क्षेत्रों में आपात स्थिति में सेना को अपनी मूवमेंट में इस बर्फबारी के समय काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था. अब चिनाब रेलवे ब्रिज के बन जाने से हर मौसम में कश्मीर पहुंचना सेना के लिए आसान हो जाएगा. इसके साथ ही लद्दाख जैसे क्षेत्रों में भी सेना की पहुंच सभी मौसम में अब आसान हो जाएगी. इस तरह LoC टू LAC तक भारतीय सेना अब बहुत जल्द पहुंच सकेगी. इस तरह से कश्मीर को कन्याकुमारी से रेल लाइन से जोड़ने का सपना भी साकार हो गया है.
राष्ट्र शक्ति का संदेश देंगे पीएम मोदी
पीएम मोदी कश्मीर के लोगों को एक रैली के जरिए संबोधित करेंगे, जिसके जरिए पाकिस्तान और आतंकियों को संदेश देने के साथ ही राष्ट्रवाद का एजेंडा भी सेट करते नजर आएंगे. पीएम मोदी कटरा में कटरा स्टेडियम में जनसभा को संबोधित करेंगे. पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद पीएम मोदी का जम्मू-कश्मीर का यह पहला दौरा है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद से पीएम मोदी लगातार देश के अलग-अलग हिस्सों में जाकर राष्ट्रशक्ति की गाथा सुना रहे हैं. भारतीय सैन्य के परिक्रम की तरीफ करते हुए बता रहे हैं कि कैसे आतंकियों और आतंक के आका पाकिस्तान को सबक सिखाने का काम किया गया है.