कोरोना के बेतहाशा मामलों के बीच कैसे होंगे विधानसभा चुनाव? जानें चुनाव आयोग की तैयारियां?

Assembly Elections 2022: 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर केंद्रीय चुनाव आयोग (ECI) की बैठकें लगातार जारी है. इन बैठकों में कोरोना काल में होने वाले इन चुनावों को कैसे सुरक्षित ढंग से संपन्न कराया जा सके इसी को लेकर चर्चा की जा रही है.

बैठकों में केंद्रीय चुनाव आयोग ने स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry)से कोरोना की ताजा स्थिति, वैक्सीनेशन के आंकड़े समेत अन्य जानकारी लेने के साथ ही आईसीएमआर और एम्स के निदेशक तक से सलाह ली है. इसके साथ ही शांतिपूर्वक चुनाव संपन्न करवाने की जिम्मेदारी उठाने वाले गृह मंत्रालय और अर्धसैनिक वालों के अधिकारियों से भी चर्चा की गई है.

चुनाव कोरोना के लिए सुपर स्प्रेडर न बने इसे ध्यान रखते हुए केन्द्रीय चुनाव आयोग कई कदम उठा सकता है. इन कदमों में बड़ी रैलियों और जनसभाओं पर रोक के साथ ही चुनाव के नतीजों तक क्या क्या सावधानियां बरतनी हैं और नियमों का पालन करना है उनको लेकर दिशा-निर्देश जारी कर सकता है.

महामारी के बीच चुनाव को लेकर ECI की बैठक

एक तरफ चुनाव एलान की तारीख नजदीक आ रही है तो दूसरी तरफ लगातार देश में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं. ऐसे में केंद्रीय चुनाव आयोग के सामने सबसे बड़ी चुनौती यही है कि ऐसे माहौल में चुनावों को कैसे सावधानी के साथ संपन्न करवाई जा सके. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक केंद्रीय चुनाव आयोग इस बाबत अलग-अलग पक्षों से बात करने के बाद चुनावों की तारीखों के एलान के साथ ही कई दिशा निर्देश भी जारी करेगा.

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इन दिशानिर्देशों में बड़ी रैलियों और जनसभाओं की जगह मुमकिन है कि छोटी-छोटी रैलियों को ही करने की इजाजत मिल सकती है. ये छोटी रैलियां भी तभी आयोजित हो सकेंगे जब कोविड प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन किया जाएगा. उदाहरण के तौर पर

. अगर किसी मैदान में कोई जनसभा आयोजित होनी है और उस मैदान में 10,000 लोगों के आने की क्षमता है तो उस मैदान में 1000 से 2000 लोगों की ही जनसभा आयोजित करने की अनुमति मिल सकती है. वो भी तब जब 6 गज की दूरी और मास्क है जरूरी के साथ ही राजनीतिक दल खुद भी लोगों से अपील करें कि जो लोग रैली में आएंगे वही सुनिश्चित करें कि उनको दोनों डोज़ वैक्सीन की लग चुकी हो.

. चुनाव संपन्न करवाने वाले चुनाव अधिकारी कोविड वैक्सीन की दोनों डोज़ ले चुके हो.

. जो सुरक्षाकर्मी इन चुनावों को सुरक्षित तरीके से संपन्न करवाएंगे वह भी फूली वैक्सीनेटेड हों.

. पोलिंग बूथ पर पहले 1500 से मतदाताओं की जगह अब अधिकतम 1250 मतदाताओं को ही वोट डालने की अनुमति होगी. इसके चलते पोलिंग बूथ की संख्या भी बढ़ाई जाएगी.

. पोलिंग बूथ पर सैनिटाइजर से लेकर लोगों के बीच दूरी तक का पूरा ख्याल रखा जाएगा.

. नामांकन के लिए उम्मीदवार अपने साथ अधिकतम 5 लोगों को ही ले जा सकेगा.

. इसके अलावा डोर टू डोर कैंपेन के लिए भी अधिकतम 5 लोगों को ही अनुमति मिल सकती है.

. चुनाव नतीजों के दौरान भी सिर्फ उम्मीदवार और उसके एक दो सहयोगियों को ही मतगणना स्थल पर रहने की अनुमति मिल सकती है.

. चुनाव के बाद आने वाले नतीजों के दौरान भी विजय जुलूस को लेकर संख्या सीमित करने का आदेश आ सकता है.

. इसके साथ ही राजनीतिक दलों से भी अपील की जा सकती है कि वह वर्चुअल माध्यम से प्रचार-प्रसार के तरीकों का ज्यादा इस्तेमाल करें.

इस तरह की कई दिशा निर्देश केंद्रीय चुनाव आयोग चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही जारी कर सकता है. ऐसा नहीं है कि दिशा निर्देश एक बार जारी होने के बाद वहीं अंतिम होंगे. कोरोना के हालातों को देखते हुए केंद्रीय चुनाव आयोग आचार संहिता लगने से लेकर चुनाव पूरी तरह संपन्न करवाने तक बीच-बीच में भी कई दिशा-निर्देश स्थिति का आंकलन करके जारी करता रहेगा. क्योंकि चुनाव आयोग की कोशिश यही है कि वह इन चुनावों को पूरी सुरक्षा और सावधानी के बीच सम्पन्न करवाये. क्योंकि ये चुनाव ऐसे वक्त में हो रहे हैं जब देश कोरोना की तीसरी लहर के खतरे से जूझ रहा है.

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