10 मिनट पहले ही खाई थी 7 जन्मों तक साथ निभाने की कसमें, बात रसगुल्ले की आई तो टूट गई marriage

राष्ट्रीय राजधानी से सटे हरियाणा के नारनौल में एक अजीब घटना हुई है. दो दिन पहले ही यहां निजामपुर में एक युवती की शादी रेवाड़ी के लाला गांव के रहने वाले युवक के साथ हुई थी. इस शादी को लेकर दोनों परिवारों में खूब खुशी थी. वेदमंत्रों के बीच युवक और युवती ने फेरे लिए. अग्नि के सामने सात जन्मों तक साथ निभाने की कसमें खाईं और फिर बड़े बूढ़ों से आर्शिवाद लेकर खाना खाने बैठ गए. इसी बीच बात रसगुल्ले की आई और पसंद ना पसंद को लेकर मंडप में ही दूल्हा दुल्हन में तकरार हो गया.वहां मौजूद लोग अभी माजरा समझने की कोशिश ही कर रहे थे, कि दोनों ने अपनी अलग अलग राहें चुन ली.

केवल इतना ही मामला होता तो चल जाता, लेकिन दुल्हन पक्ष ने दहेज का आरोप लगाते हुए पुलिस बुला लिया. वहीं दूल्हे के परिजनों ने हालात को देखते हुए कहा कि अब तो इस मामले में फैसला 11 गांवों की पंचायत ही करेगी. रविवार को यह पंचायत भी हुई. इसमें तय किया गया कि यदि दबाव बनाकर शादी को जारी भी रखते हैं तो दूल्हा दुल्हन के बीच खटपट बनी रहेगी. बेहतर यही होगा कि यहीं पर दोनों अलग हो जाएं. इसके बाद पंचायत दूल्हा पक्ष को फरमान सुनाया कि 40 लाख रुपये दुल्हन पक्ष को और 51 हजार रुपये गोशाला में देकर दूल्हा इस शादी से मुक्त हो सकता है. आपसी विचार विमर्श के बाद दूल्हे ने रविवार की शाम को अपनी सहमति देते हुए रकम का भुगतान कर दिया.

फेरे होने तक दोनों पक्षों में था खुशी का माहौल
इसके बाद दोनों पक्षों के बीच कुछ देर के लिए बने रिश्ते को भी रफादफा कर दिया गया. इधर, घटना की जानकारी जैसे ही गांव से बाहर आई, देखते ही देखते सोशल मीडिया में चर्चा का विषय बन गई है. स्थानीय लोगों के मुताबिक यह शादी दोनों पक्षों की रजामंदी से हुई थी. दुल्हन के पिता ने खुद दूल्हे को पसंद किया था. इसके बाद दूल्हा और उसके घर वालों ने भी लड़की देखी और पसंद आने पर विवाह की बात आगे बढ़ाई थी. बताया जा रहा है कि एक दूसरे को समझने के लिए दुल्हन और दूल्हे के बीच बातचीत भी होती थी. फेरे होने तक दोनों पक्षों में ऐसी खुशी पसरी थी कि छिपाए नहीं छिपती.

अचानक बदली स्थिति और टूट गई शादी
वहीं जब फेरों के बाद अचानक यह घटनाक्रम हुआ तो दोनों ही पक्ष पहले तो भौचक रह गए. जब तक माजरा समझ पाते, दूल्हा और दुल्हन ने तय कर दिया कि यह रिश्ता महज कुछ पल का ही था और अब दोनों के रास्ते अलग हैं. इसके बाद दोनों के परिजनों ने भी मोर्चा संभाल लिया. फिर मामले को निपटारे के लिए पुलिस बुलाई गई. फिर पंचायत हुई और आखिर में दो दिनों तक चली गहमागहमी और कशमकश के बाद आखिरकार रविवार की रात दोनों पक्षों ने लेनदेन कर छुटकारा कर लिया.

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