कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों का संसद परिसर में प्रदर्शन, पेगासस मामले की SC की निगरानी में न्यायिक जांच की मांग

Pegasus Spyware: कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सांसदों ने पेगासस का उपयोग करके राहुल गांधी समेत कई प्रमुख व्यक्तियों की कथित तौर पर जासूसी किए जाने के मामले की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में न्यायिक जांच की मांग करते हुए शुक्रवार को संसद परिसर में प्रदर्शन किया. लोकसभा और राज्यसभा के कई कांग्रेस सदस्यों ने संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष प्रदर्शन किया.

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, द्रमुक नेता कनिमोई और शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी और कई अन्य सांसद इस मौके पर मौजूद थे. विपक्षी सांसदों ने अपने हाथ में एक बड़ा बैनर ले रखा था जिस पर ‘हम उच्चतम न्यायालय की निगरानी में न्यायिक जांच की मांग करते हैं’ लिखा हुआ था.

उन्होंने ‘जासूसी बंद करो’ और ‘प्रधानमंत्री सदन में आओ’ के नारे भी लगाए. बता दें कि मीडिया संस्थानों के अंतर्राष्ट्रीय गठजोड़ ने दावा किया है कि केवल सरकारी एजेंसियों को ही बेचे जाने वाले इजराइल के जासूसी सॉफ्टवेयर के जरिए भारत के कुछ रसूखदार लोगों सहित बड़ी संख्या में कारोबारियों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के 300 से अधिक मोबाइल नंबर, हो सकता है कि हैक किए गए हों.

गुजरात कांग्रेस का प्रदर्शन

वहीं कांग्रेस ने इजराइली स्पाइवेयर पेगासस का इस्तेमाल कर अपने नेताओं और अन्य व्यक्तियों की कथित तौर पर जासूसी किए जाने के खिलाफ गुजरात के गांधी नगर में विरोध प्रदर्शन किया. पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष अमित चावड़ा और गुजरात विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष परेश धनानी के नेतृत्व में कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता पहले बैनर लिए बीजेपी नीत केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए गांधीनगर सर्किट के बाहर जमा हुए. बाद में, चावड़ा, धनानी और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने राजभवन में गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत से मुलाकात की और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा. यह ज्ञापन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सौंपा जाना है.

धनानी ने कहा, ‘नेताओं, पत्रकारों और अन्य लोगों की जासूसी कराके बीजेपी उनके खिलाफ साजिश कर रही है. यह निगरानी एक अघोषित आपातकाल के समान है. यह लोगों के निजता के अधिकार का प्रत्यक्ष उल्लंघन है. हमने राष्ट्रपति के लिए राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपा है. हम पूरे मामले की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच कराने की मांग कर रहे हैं.’ ।

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