गुजरात के मुंद्रा पोर्ट से पकड़े गए 3 हज़ार KG ड्रग्स मामले में NIA का बड़ा दावा

गुजरात के मुंद्रा पोर्ट ट्रस्ट पर बरामद हुआ लगभग 3000 किलोग्राम अवैध मादक पदार्थ भारत में बेचकर पहले मुनाफा कमाया जाता फिर उस पैसे को हवाला के जरिए विदेश भेज कर भारत विरोधी गतिविधियों में लगाया जाता. यह खुलासा नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने इस मामले में अपनी जांच के दौरान किया है. एनआईए ने आज अफगान नागरिकों समेत कुल 16 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र गुजरात की विशेष अदालत के सामने पेश किया. इनमें से 10 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं, जबकि छह आरोपी फरार बताए गए हैं. इनमें से 2 अफगानियों के संबध पाकिस्तान के एक आतंकवादी संगठन से बताए गए हैं.

नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी के आला अधिकारी के मुताबिक इनमें से जिन 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनमें एम सुधाकर, डीपीजी वैशाली, राजकुमार पेरूमल,. मोहम्मद खान अखलाकी, निवासी अफगान प्रदीप कुमार निवासी गाजियाबाद, मोहम्मद हुसैन निवासी अफगान, फरदीन अहमद, शोभन आर्यनफर, अलोकोजाई मोहम्मद खान और मुर्तजा हकीमी निवासी अफगान शामिल है. इसके अलावा जिन 6 आरोपियों को नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने फरार बताया है उनमें 5 अफगानी नागरिक और एक ईरान का नागरिक शामिल है. इन 5 अफगानी नागरिकों में मोहम्मद हुसैन दाद, मोहम्मद हसन, नजीबुल्लाह खान, खालिद इस्मतउल्लाह होनारी, अब्दुल हदी अलीजादा के अलावा ईरानी नागरिक जावेद नजाफी शामिल है.

नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी के मुताबिक डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस गुजरात के मुंद्रा पोर्ट ट्रस्ट से एक जहाज पर छापा मारकर लगभग 3000 किलो अवैध मादक पदार्थ बरामद किया था. आरोप था कि यह मादक पदार्थ अफगानिस्तान के हसन हुसैन लिमिटेड कंधार द्वारा आशी ट्रेडिंग कंपनी भारत को भेजा गया था. यह भी आरोप था कि यह पूरा मादक पदार्थ ईरान के बंदर अब्बास पोर्ट पर कंटेनर में चढ़ाया गया था. इस मादक पदार्थ को लाने के लिए पाउडर इंपोर्ट दिखाया गया था. शुरुआती दौर में इस मामले की जांच डीआरआई ने की थी, लेकिन बाद में हो-हल्ला मचने पर यह मामला जांच के लिए नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी को सौंप दिया गया था. एनआईए ने इस मामले में 6 अक्टूबर 2021 को विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की थी.

नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी के मुताबिक इस मामले में भारतीय नागरिकों राजकुमार पेरूमल सुधाकर और उसके सहयोगी मोहम्मद हुसैन दाद और मोहम्मद हसन दाद के साथ मिलकर बड़े पैमाने पर मादक पदार्थ की खेप भारत लाने की साजिश रची. आरोप है कि यह लोग इसके पहले भी दो छोटे-छोटे कंसाइनमेंट भारत ला चुके थे और इन मादक पदार्थों को भी दिल्ली और पंजाब में छुपाया गया था. इस मामले में पंजाब पुलिस के साथ-साथ डीआरआई ने अपने एक्शन में मादक पदार्थ बरामद किए थे और अलग-अलग एफआईआर दर्ज की थी. इन लोगों का मकसद इन मादक पदार्थों को भारत के विभिन्न स्थानों पर बेचकर फायदा कमाना था.

एनआईए का दावा है कि मोहम्मद हुसैन दाद और मोहम्मद हसन दाद दोनों सगे भाई हैं और उनके संबंध पाकिस्तान के एक कुख्यात आतंकवादी संगठन से भी बताए गए हैं. यह भी आरोप है कि मादक पदार्थ का यह जखीरा बेचे जाने के बाद इससे मिला पैसा हवाला के जरिए विदेश जाना था. जहां से इसे भारत विरोधी गतिविधियों में प्रयोग किया जाना था. ध्यान रहे कि इस अवैध जखीरे की बरामदगी के बाद विपक्ष ने इस मामले में आरोप-प्रत्यारोप लगाए थे और मुंद्रा पोर्ट ट्रस्ट को भी इस मामले में अपनी सफाई देनी पड़ी थी. मामले की जांच जारी है.

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