भगवंत मान कल लेंगे सीएम पद की शपथ,सरकार चलाने के लिए सामने होंगी ये बड़ी चुनौतियां

Bhagwant Mann Oath Ceremony: पंजाब (Punjab) में आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार बनने जा रही है. भगवंत मान (Bhagwant Mann)  ऐतिहासिक जीत के बाद मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे, लेकिन पंजाब में सरकार चलाने की चुनौतियां आप के लिए किसी अग्निपथ से कम नहीं होगी. राज्य में 2020 में अपराधों में 13 फीसदी का इजाफा हुआ. इतना ही नहीं सूबे में ड्रग्स भी बड़ी समस्या है. वहीं, राज्य भारी भरकम कर्ज में भी डूबा हुआ है. ऐसे में अगले पांच साल भगवंत मान की अग्नि परीक्षा होगी. पढ़ें ये रिपोर्ट

चुनौतियां कर रही हैं भगवंत मान का इंतजार

अपराध-

जालंधर की घटना ने शपथ लेने से पहले ही भावी सीएम भगवंत मान के सामने चुनौतियों का पिटारा खोल दिया है. जालंधर के हल्का नकोदर में कबड्डूी टूर्नामेंट के दौरान कुछ युवकों ने मशहूर कबड्डी खिलाड़ी संदीप नंगल अंबिया को गोली मार दी. ये घटना मान के सामने आनी वाली चुनौतियों की तरफ इशारा भर है. साल 2021 के जो आंकड़े जारी हुए हैं. उसके मुताबिक, पंजाब में 2020 में अपराधों में 13 फीसदी का इजाफा हुआ था. कुल 82 हजार 875 केस साल 2020 में दर्ज हुए थे.  मान ने पहले ही ऐलान किया है कि माननीयों की सुरक्षा से पुलिसकर्मियों को हटाकर उन्हें जनता की सुरक्षा में लगाया जाएगा, लेकिन इसका कितना असर जमीन पर पड़ेगा, इसका इम्तिहान होना बाकी है. 

ड्रग्स-

उड़ते पंजाब से निपटना भी मान के लिए अहम होगा. पंजाब में ड्रग्स भी बड़ी समस्या है. पिछले 7 सालों में नारकोटिक्स क्रंटोल ब्यूरो (NCB) ने तीन हजार 836 किलो ड्रग्स पकड़ी है. यहां पाकिस्तान बॉर्डर से भी ड्रग्स की सप्लाई होती है. साल 2017 से 20 तक पंजाब बॉर्डर पर 1235 किलो ड्रग्स पकड़ी गई. 

अर्थव्यवस्था-

सीएम बनने के बाद भगवंत मान के सामने पंजाब की अर्थव्यवस्था एक बडी चुनौती है. दरअसल पंजाब के ऊपर अभी 2 लाख 82 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है. राज्य में कृषि की विकास दर में भी कमी दर्ज की जा रही है.

वादों को निभाने की भी बड़ी चुनौती

इसके अलावा आम आदमी पार्टी की सरकार के सामने अपने वादों को निभाने की भी बड़ी चुनौती होगी और इसके लिए एक बड़े सरकारी खर्च की भी जरूरत पड़ेगी. आम आदमी पार्टी ने वादा किया है कि 18 साल से ऊपर की हर महिला को हर महीने 1 हजार रुपये दिये जाएंगे.  पंजाब में 18 साल से ऊपर की करीब 99 लाख महिलाएं हैं. अब अगर इन सबको हर महीने एक हजार रुपये मिलेंगे, तो खर्च 990 करोड़ रुपये खर्च होंगे और हर साल 11 हजार 880 करोड़ रुपये खर्च होंगे.

इसी तरह से एक और वादा है कि हर महीने हर घर को 300 यूनिट बिजली मुफ्त दी जाएगी. अभी पंजाब में सरकार हर साल 17 हजार 796 रुपये की बिजली की सब्सिडी देती है, जाहिर तौर पर ये खर्च और ज्यादा बढ़ जाएगा. हालांकि आम आदमी पार्टी दावा कर रही है कि पहले की सरकारें पंजाब को लूटती रही हैं. अब वो लूट बंद हो जाएगी, तो खर्च आसानी से निकल आएगा.

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