पंजाब-हरियाणा में कल से शुरू होगी धान की खरीद, अब संयुक्त किसान मोर्चा ने किया ये फैसला

Procurement of Kharif Crops: हरियाणा और पंजाब दोनों राज्यों में कल से धान की खरीद शुरू होगी. उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने इस बात की जानकारी दी. वहीं हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि किसानों की ओर से आज कई जगह धरना प्रदर्शन किया गया कि धान की खरीद को जल्दी कराया जाए. हमें भी संवेदनशीलता का एक विषय ध्यान में है कि खरीद वास्तव में शुरू होनी चाहिए. अब निर्णय हो गया है, अब वो अपना धरना समाप्त करेंगे.

सरकार के इस एलान के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने खरीफ फसलों की खरीद जल्द शुरू करने के लिए प्रदर्शन वापस लेने की घोषणा की क्योंकि केंद्र सरकार ने हरियाणा और पंजाब में कल से खरीद शुरू करने का फैसला किया है.
बता दें कि पंजाब और हरियाणा के किसानों ने धान की खरीद में हुई देरी के विरोध में शनिवार को कई स्थानों पर प्रदर्शन किया. संयुक्त किसान मोर्चा ने दोनों राज्यों के विधायकों के घरों के सामने विरोध प्रदर्शन करने का आह्वान शुक्रवार को किया था. केंद्र सरकार ने गुरुवार को, पंजाब और हरियाणा में धान की खरीद को 11 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दिया था क्योंकि फसल पकी नहीं है और बारिश के कारण उसमें नमी की मात्रा अधिक है. खरीद की प्रक्रिया केंद्र सरकार की नोडल एजेंसी भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई), राज्य की एजेंसियों के साथ मिलकर करती है.

धान की खरीद आमतौर पर एक अक्टूबर से शुरू होती है. इस बीच, हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने शनिवार को कहा था कि केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का प्रदर्शन ‘हर रोज हिंसक होता जा रहा है.’ विज ने ट्वीट किया, “किसान आंदोलन हर रोज हिंसक होता जा रहा है. महात्मा गांधी के देश में हिंसक आंदोलन को स्थान नहीं दिया जा सकता.” दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र से धान की खरीदने करने का आग्रह किया था.

वहीं, पंजाब में किसान कई कांग्रेस विधायकों के आवासों के बाहर एकत्र हुए. धान की खरीद में हुई देरी के मुद्दे पर रूपनगर में विधानसभा अध्यक्ष राणा के पी सिंह और मोगा में विधायक हरजोत कमल के घर के बाहर किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया. अधिकारियों ने बताया कि कानून व्यवस्था बरकरार रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी. किसानों ने कहा कि अगर अनाज मंडी में उनकी फसल नहीं खरीदी गयी तो उन्हें नुकसान झेलना पड़ेगा।

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