‘संवैधानिक पद पर रहते हुए भी लोग मुझे नहीं बख्शते’, मिमिक्री विवाद पर धनखड़ ने खुद को बताया ‘पीड़ित’

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को कहा कि संवैधानिक पद पर होने के बावजूद लोग उनकी आलोचना या अपमान करने से नहीं चूकते. राष्ट्रीय सांख्यिकी प्रणाली प्रशिक्षण अकादमी (एनएसएसटीए) से स्नातक करने वाले छात्रों के वर्तमान बैच को संबोधित करते हुए उन्होंने उनसे उन लोगों से “कभी निराश नहीं होने” के लिए कहा, जो दूसरों के विकास को पचा नहीं सकते. उन्होंने कहा, ”वे पुराने आलोचक हैं.” उन्होंने खुद को पीड़ित बताया.

उन्होंने कहा, यहां तक कि राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति के रूप में मेरी संवैधानिक स्थिति में भी, लोग मुझे नहीं बख्शते! क्या इससे मेरी मानसिकता बदलनी चाहिए? क्या इससे मेरा पथ भटक जाना चाहिए? नहीं!.”

खुद को “पीड़ित” बताते हुए, राज्यसभा अध्यक्ष ने अपनी संवैधानिक स्थिति और “धार्मिक मार्ग” पर आगे बढ़ने की बात कही. उन्होंने कहा: “एक पीड़ित जानता है कि अंदर से कैसे झेलना है, सभी का सामना करना है, सभी अपमान सहना है, एक दिशा के साथ-हम अपनी भारत माता की सेवा में हैं.”

कल्याण बनर्जी की मिमिक्री के बाद आया धनखड़ का बयान
यह बात संसद भवन परिसर में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी द्वारा उपराष्ट्रपति की नकल करने पर विवाद के कुछ दिनों बाद आई है. इस विवाद के बाद सदन से विपक्षी दलों के 146 सांसदों को निलंबित कर दिया गया है. धनखड़ ने कहा कि सदन में गतिरोध को हल करने के लिए बातचीत के सभी प्रयास किए गए, लेकिन प्रयास विफल होने के बाद निलंबन आखिरी कदम है.

एनएसएसटीए से स्नातक करने वाले छात्रों को अब भारतीय सांख्यिकी सेवा में शामिल किया जाएगा. धनखड़ ने कहा, सांख्यिकीय अधिकारी के रूप में आपको एक पवित्र कर्तव्य सौंपा गया है-डेटा को सच्चाई और निष्पक्षता से प्रस्तुत करना है. आपको दर्पण दिखाने और वास्तविकता बताने में सक्षम होना चाहिए.

धनखड़ ने कहा कि आईएमएफ और विश्व बैंक ने भारत को निवेश और अवसरों के लिए “पसंदीदा गंतव्य” के रूप में मान्यता दी है. उन्होंने पीएम मोदी को श्रेय देते हुए कहा, “हम भाग्यशाली हैं कि हमारे पास ऐसा प्रधानमंत्री हैं, जो विकास के प्रति जुनूनी है.

टकराव नहीं, बातचीत हमारी संस्कृति-बोले उपराष्ट्रपति
उन्होंने कहा कि हम लोगों की बातचीत की संस्कृति है. टकराव में शामिल न होना चाहिए और आपस में सहयोग करनी चाहिए. इस देश का सभी को मिलकर विकास करनी होगी.

उन्होंने समारोह में अपने भाषण में कहा, भारतीय सांख्यिकी सेवा के अधिकारियों के रूप में, आप साक्ष्य-आधारित नीति-निर्माण के वास्तुकार होंगे. आपका कौशल और विशेषज्ञता अमूल्य है.”

इसके अलावा, उन्होंने स्नातक छात्रों को अपनी उपलब्धियों पर गर्व करने और उन लोगों के बारे में “कभी चिंतित नहीं होने” के लिए प्रोत्साहित किया, जो “डिजाइन या अज्ञानता से” अपमानित करना चाहते हैं. इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे.

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