शराब नीति पर सियासी संग्राम, BJP ने पार्टी तोड़ने वाले आरोपों पर मांगे सबूत, सिसोदिया ने ऑफर मिलने का किया था दावा

दिल्ली (Delhi) में शराब नीति पर सियासी संग्राम जारी है. डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) के बीजेपी के ऑफर वाले बयान पर अब सियासी घमासान मच गया है. बीजेपी ने सिसोदिया के आरोपों पर सबूत मांगे हैं. बीजेपी ने कहा है कि अगर आरोप लगा रहे हैं तो सबूत भी दें. दरअसल, बीजेपी (BJP) और आम आदमी की पार्टी (AAP) के बीच शुरू हुई ताजा बयानबाजी की शुरुआत एक ट्वीट से हुई.

ये ट्वीट डिप्टी सीएम और शराब घोटाला मामले के आरोपी मनीष सिसोदिया ने किया, जिसमें उन्होंने लिखा कि, “मेरे पास बीजेपी का संदेश आया है- “आप” तोड़कर बीजेपी में आ जाओ, सारे CBI-ED के केस बंद करवा देंगे. मेरा बीजेपी को जवाब- मैं महाराणा प्रताप का वंशज हूं, राजपूत हूं. सर कटा लूंगा लेकिन भ्रष्टाचारियो-षड्यंत्रकारियोंके सामने झुकूंगा नहीं. मेरे ख़िलाफ़ सारे केस झूठे हैं. जो करना है कर लो”

सिसोदिया के इस आरोप पर बीजेपी भड़क गई और एक के बाद एक बड़े नेताओं ने आप और डिप्टी सीएम को घेरना शुरू कर दिया. बीजेपी नेता मनोज तिवारी ने ट्वीट कर ऑफर वाले बयान की रिकॉर्डिंग मांग ली. मनोज तिवारी ने ट्वीट कर कहा, मनीष का फोन तो CBI ले गई तो किसके फोन पर फोन या मैसेज आया? उसका नाम बताएं और उनका फोन भी जांच के लिए जमा करवाएं ताक़ि दूध का दूध और शराब का शराब हो जाए.

इसके बाद बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने भी इस मुद्दे पर ट्वीट कर कहा, मैं उस विडियो को जारी कर दूंगा जिसमें केजरीवाल सिसोदिया के पैरो में गिड़गिड़ा रहे हैं कि मेरा नाम मत लेना और सिसोदिया चिल्ला रहे हैं कि मैं जेल गया तो सबकी पोल खोल दूंगा. वहीं शराब घोटाला मामले पर कांग्रेस भी कूदी. सिसोदिया के विधानसभा क्षेत्र पटपड़गंज में सिसोदिया के पोस्टरों पर कालिख पोत दी.

इस सबके बीच गृह मंत्रालय ने शराब घोटाला मामले में उस वक्त के एक्साइज कमिश्नर रहे IAS अधिकारी गोपी कृष्णन और डिप्टी एक्साइज कमिश्नर रहे आनंद कुमार तिवारी को संस्पेंड कर दिया है.

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