राहुल गांधी को रावलपिंडी से चुनाव लड़ना चाहिए…कांग्रेस के पूर्व नेता ने क्यों दिया ये बयान?

कांग्रेस पार्टी ने 5 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी का घोषणा पत्र जारी किया, जिसको लेकर कांग्रेस के पूर्व नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने पार्टी पर हमला बोला है. कृष्णम ने कहा कि घोषणा पत्र देखने के बाद ऐसा लगता है कि ये मोहम्मद अली जिन्ना की कांग्रेस है.

लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद से ही सभी पार्टियां चुनाव की तैयारी में अपनी ताकत झोंकती नजर आ रही है. जिस के चलते सभी पार्टियां उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करने से लेकर चुनावी रैलियां और घोषणा पत्र जारी करने का काम कर रही है. इसी बीच कांग्रेस ने अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है. हालांकि उम्मीद है कि बीजेपी इसी हफ्ते अपना घोषणा पत्र जारी करेगी. बता दें, पहला मतदान 19 अप्रैल को होगा और 4 जून को वोटों की गिनती की जाएगी.

खरगे का नहीं जिन्ना का घोषणा पत्र
कांग्रेस पार्टी के पूर्व नेता कृष्णम ने कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि कांग्रेस के घोषणापत्र को देखने के बाद ऐसा लगता है, जैसे यह महात्मा गांधी की कांग्रेस नहीं है, बल्कि यह मोहम्मद अली जिन्ना की कांग्रेस है. कृष्णम ने कहा कि यह जो घोषणा पत्र है ये मल्लिकार्जुन खरगे का घोषणा पत्र नहीं लगता बल्कि मोहम्मद अली जिन्ना का घोषणा पत्र लगता है. उन्होंने आगे कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि पता नहीं क्या हो गया कांग्रेस को न नीति बची है , न नियत बची है, न नेता बचा है. जोकि इस देश के लिए सबसे दुर्भाग्यपूर्ण है. आचार्य प्रमोद कृष्णम ने राहुल गांधी पर तीखा तंज करते हुए कहा कि राहुल गांधी को रावलपिंडी से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहिए.

कांग्रेस ने दिखाया था कृष्णम को बाहर का रास्ता
8 अप्रैल को कृष्णम ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट कर के कहा कि “कांग्रेस का घोषणा पत्र पढ़ कर लगता है के जिन्ना अभी ज़िंदा है”. हालांकि कृष्णम ने कांग्रेस के टिकट पर 2014 में उत्तर प्रदेश से चुनाव लड़ा था जहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा था और फिर 2019 में लखनऊ में वो राजनाथ सिंह के सामने मैदान में उतरे थे जिस में वो तीसरे स्थान पर रहे थे. लेकिन लगातार अपनी ही पार्टी पर हमलावार होने के बाद पार्टी ने उन्हें 11 फरवरी को 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया था. जिस के पहले ही वो धीरे-धीरे पार्टी से दूरी बनाने लगें थे. साथ ही उन्होंने कांग्रेस के साथ अपने 40 साल पुराने जुड़ाव को ये कहते हुए खत्म कर लिया था कि राम और राष्ट्र के साथ समझौता नहीं किया जा सकता. हालांकि जब कांग्रेस ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया उस के बाद उन्होंने पीएम मोदी से मुलाकात की थी और उनकी जमकर तारीफ की थी.

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