राजीव गांधी ने ताला खुलवाया-शिलान्यास करवाया, BJP क्रेडिट ले रही, राम मंदिर से लेकर निमंत्रण तक पर बोले शरद पवार

पूरा देश इन दिनों राममय है, 22 जनवरी को अब महज चंद रोज ही बचे हैं, हर कोई इस ऐतिहासिक पल का गवाह बनने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहा है, अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के आयोजन की जोर शोर से तैयारियां की जा रही है. भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी प्राण प्रतिष्ठा को लेकर लोगों में उत्साह है. वहीं इस मामले में राजनीति भी जमकर हो रही है. बीजेपी और विपक्षी दल इस मुद्दे को लेकर एक दूसरे के खिलाफ जमकर बयानबाजी कर रहे हैं. विपक्षी दलों का आरोप है कि बीजेपी राम के नाम पर राजनीति कर रही है.

कोई कह रहा है कि बीजेपी ने भगवान राम को हाईजैक कर लिया है, कोई कह रहा है लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी राम का इस्तेमाल कर रही है. तो कोई कह रहा है कि अब वो दिन दूर नहीं जब बीजेपी अयोध्या से भगवान राम को उम्मीदवार घोषित करेगी. कई लोग प्राण प्रतिष्ठा की टाइमिंग पर सवाल उठा रहे हैं तो कई लोग चुनाव के लिए जल्दबाजी में प्राण प्रतिष्ठा करने की बात कर रहे हैं. ये वो बयान हैं जो विपक्षी दलों के नेताओं ने दिए हैं, वहीं अब एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने बीजेपी पर राम मंदिर का क्रेडिट लेने का आरोप लगाया है.

कांग्रेस का क्रेडिट ले रही बीजेपी’
कर्नाटक के बेलगांव में निपाणी तालुका में शरद पवार ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने विवादित परिसर का ताला खुलवाया था और यहां मंदिर बनाने का रास्ता प्रशस्त किया था, लेकिन इसका पूरा श्रेय बीजेपी के लोग ले रहे हैं. पवार ने कहा कि अगर राम मंदिर का इतिहास देखा जाए तो बाबरी मस्जिद गिराने के बाद मंदिर बनाने का जब विचार हुआ तब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे. मंदिर का शिलान्यास राजीव गांधी के कार्यकाल में हुआ था, जिसके बाद कुछ लोग कोर्ट में गए और बाद में कोर्ट ने मंदिर बनाने की इजाजत दी उसके बाद मंदिर बनाने का काम शुरू हुआ.

मंदिर पूरा बनने पर करेंगे दर्शन

शरद पवार ने राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय को पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा में आमंत्रित करने के लिए उनका आभार व्यक्त किया. पत्र में उन्होंने कहा है कि 22 जनवरी को जब प्राण प्रतिष्ठा पूरी हो जाएगी, उसके बाद भगवान राम के दर्शन करने जाएंगे तब तक राम मंदिर का निर्माण कार्य भी पूरा हो जाएगा.

आपको बता दें कि प्राण प्रतिष्ठा के लिए सभी दलों के प्रमुखों को निमंत्रण भेजा गया है. लालू यादव, नीतीश कुमार, उद्धव ठाकरे, अखिलेश यादव, मायावती, खरगे समेत तमाम पार्टियों के अध्यक्षों को बुलाया गया है. वहीं कांग्रेस ने प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने से इनकार कर दिया है.

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