सपा की मिशन-24 के लिए बैठक, सीट के समीकरण से शेयरिंग तक पर बात और कैंडिडेट पर लगेगी मुहर?

दिल्ली के सत्ता का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर गुजरता है, क्योंकि देश की सबसे ज्यादा 80 लोकसभा सीटें यहीं है. बीजेपी पूरा फोकस यूपी पर लगा रखा है और 75 प्लस सीटें जीतने का लक्ष्य तय कर रखा है तो विपक्षी दलों की कोशिश पीएम मोदी के विजय रथ को उत्तर प्रदेश में ही रोकने के लिए रणनीति है. सूबे में INDIA गठबंधन का हिस्सा सपा, कांग्रेस और आरएलडी है, लेकिन गठबंधन के नेतृत्व का जिम्मा अखिलेश यादव के कंधों पर है.

सपा ने लोकसभा चुनाव को लेकर तीन दिवसीय अपने नेताओं की बैठक बुलाई है, जो 8-9 और 11 जनवरी को अलग-अलग नेताओं के साथ मीटिंग करेंगे. इस दौरान अखिलेश अपने नेताओं के साथ सीट शेयरिंग से लेकर उम्मीदवारों के नाम तक फाइनल मुहर के लिए मंथन करेंगे?

लोकसभा चुनाव के लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने नेताओं की तीन दिन की बैठक बुलाई है, जिसमें सोमवार को जिला अध्यक्ष और महानगर अध्यक्ष के साथ बैठक चल रही है. इसके बाद मंगलवार को सूबे के सभी पार्टी विधायक और 2022 के चुनाव में हारे हुए विधानसभा के प्रत्याशियों के साथ अखिलेश यादव बैठक करेंगे.

सूबे के सभी सीटों के प्रभारियों से करेंगे मंथन

गुरुवार को यानी 11 जनवरी को अखिलेश यादव सूबे के सभी लोकसभा और विधानसभा क्षेत्र के प्रभारियों के साथ मंथन करेंगे. इन तीन की बैठक में सभी नेताओं को बुलाया गया है तो सूबे के दिग्गज नेता भी शिरकत करेंगे. माना जा रहा है कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव के अलावा शिवपाल यादव, रामगोपाल यादव और नरेश उत्तम सहित पार्टी के वरिष्ठ नेता भी शामिल होंगे.

उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के दफ्तर में अखिलेश यादव की अध्यक्षता में सभी जिला अध्यक्षों और महानगर अध्यक्षों की बैठक चल रही है. सूबे के सभी जिला अध्यक्ष शिरकत किए हैं और वो अपने-अपने जिले की लोकसभा क्षेत्र की रिपोर्ट सौंपेंगे. अखिलेश यादव ने पिछले दिनों जिला अध्यक्ष के साथ बैठक करके उनसे संबंधित लोकसभा क्षेत्र के आंकड़े देने के लिए कहा था, जिसमें में लोकसभा क्षेत्र में किस जाति और धर्म के कैंडिडेट के उतरना सही होगा.

इसके अलावा मौजूदा सांसद किस पार्टी से है और उसके खिलाफ किस तरह का माहौल है. बीजेपी से उतरने वाले कौन कौन चेहरे है. गठबंधन के साथ उतरने के फायदे और सियासी नुकसान क्या-क्या हैं? पार्टी के दफ्तर में हो रही बैठक में जिला अध्यक्ष ये सारी रिपोर्ट अखिलेश यादव के सामने पेश करेंगे. इसके बाद अखिलेश यादव उन्हें जीत का मंत्र देंगे.

चुनाव हारने वाले उम्मीदवारों संग भी करेंगे मीटिंग

सपा के जिला अध्यक्ष और महानगर अध्यक्षों के बाद मंगलवार को अखिलेश यादव पार्टी के सभी विधायक और 2022 के चुनाव हारने वाले सपा उम्मीदवारों के साथ बैठक करेंगे. अखिलेश यादव अपने विधायक और चुनाव लड़ने वाले नेताओं के साथ उनके विधानसभा क्षेत्र, उस इलाके की आने वाली लोकसभा सीट के सियासी मिजाज की थाह लेंगे.

2022 में सपा 347 विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ी थी, जिनमें से 111 विधायक जीतने में सफल रहे थे जबकि 336 सीटों पर उसे हार का मुंह देखना पड़ा था. मिशन-2024 को लेकर मंगलवार को होने वाली बैठक में अखिलेश यादव ने सूबे के सभी 403 सीटों के नेताओं को बुलाया है, जिसमें 111 विधायक और हारे हुए प्रत्याशी भी शामिल हैं. इसके अलावा जिन सीटों पर सपा चुनाव नहीं लड़ी थी, उन सीटों के संभावित प्रत्याशी रहे नेता को बुलाया है.

सीटों की सियासी गणित को समझेंगे अखिलेश

अखिलेश यादव अपने मौजूदा विधायक और पूर्व प्रत्याशियों के साथ बैठक करके लोकसभा सीट के सियासी गणित को समझेंगे. इसके साथ उनसे यह जानने की कोशिश है कि लोकसभा सीट का क्या समीकरण है, कहां गठबंधन में जाना ठीक होगा, सपा कहां लड़े और सपा की कहां कमजोर सीटें हैं, जिन्हें छोड़नी चाहिए.

INDIA गठबंधन बना रहता है तो सूबे की सपा कौन सी सीट सहयोगियों को छोड़ दे और किन सीटों पर खुद लड़े. इन सभी सवालों का जवाब बुलाये गए नेताओं को लिखित में देंगे. सपा प्रमुख अखिलेश अपने नेताओं के साथ मंथन करके जमीनी हालत से वाकिफ होना चाहते हैं. गुरुवार को अखिलेश यादव लोकसभा और विधानसभा के प्रभारियों के साथ बैठक करके उम्मीदवारों के नाम पर मंथन करेंगे.

गठबंधन की बैठक से पहले पूरा कर रहे होमवर्क

माना जा रहा है कि INDIA गठबंधन में सीट बंटवारे की बैठक से पहले अखिलेश यादव अपने नेताओं के साथ बैठक करके होमवर्क पूरा कर लेना चाहते हैं ताकि कांग्रेस और आरएलडी के साथ जब भी बैठक हो तो पार्टी पूरी तैयारी के साथ बात रखेंगे. सीट बंटवारे के लिए कांग्रेस ने मुकुल वासनिक के नेतृत्व में पांच सदस्यीय कमेटी गठित की है, जिन्होंने अपने विभिन्न राज्यों के नेताओं के साथ बैठक करके एक खाका तैयार कर लिया है और अब गठबंधन के सहयोगी के साथ बातचीत का सिलसिला शुरू किया है.

आरजेडी के बाद कांग्रेस समिति ने सोमवार को आम आदमी पार्टी के नेताओं के साथ बैठक करके सीट शेयरिंग के फॉर्मूले पर मंथन कर रही है. मंगलवार को जेडीयू नेताओं के साथ उनकी बैठक होने वाली है. इस तरह से सपा और आरएलडी के साथ कांग्रेस नेता की बैठक होनी है. अखिलेश यादव इस बात को बखूबी तरह से समझ रहे हैं, जिसके चलते तीन दिनों तक अपने नेताओं के संग बैठ करके सारे सियासी नब्ज और समीकरण को समझ लेना चाहते हैं ताकि किसी तरह का कोई गुंजाइश न रह जाए. सूबे में अभी विपक्षी दलों के इस गठबंधन में पार्टी के सीटों का बंटवारे का फॉर्मूला तय नहीं है.

यूपी में क्या चाहते हैं अखिलेश यादव?

उत्तर प्रदेश में कुल 80 लोकसभा सीटें है, जिनमें से सपा प्रमुख अखिलेश यादव कह चुके हैं कि 65 सीटों पर उनकी पार्टी चुनाव लड़ेगी और बाकी 15 सीटों पर सहयोगी दल लड़ेंगे. इस तरह सपा की कोशिश है कि 15 सीटों में कांग्रेस और आरएलडी के बीच सीट बंटवारा हो. कांग्रेस यूपी में 25 सीटें मांग रही है तो आरएलडी 10 संसदीय सीटें चाहते हैं.

माना जा रहा है कि अखिलेश यादव 14 जनवरी के बाद अपने उम्मीदवारों की एक लिस्ट जारी कर सकते हैं, जिसकी तैयारी के लिए ही सारी एक्सरसाइज की जा रही है. पार्टी नेताओं के साथ तीन स्तरीय बैठक के मिशन-2024 के लिए एक रोडमैप तैयार करेंगे, जिसमें सीट के समीकरण से लेकर सीट बंटवारे और कैंडिडेट तक के नामों पर मंथन किया जाना है.

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