महंत नरेंद्र गिरि मौत मामले में अनजान ‘महिला का रहस्य’, सुसाइड नोट में भी जिक्र

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (Akhil Bhartiya Akhara Parishad) के अध्यक्ष और निरंजनी अखाड़ा के सचिव महंत नरेंद्र गिरि (Narendra Giri) की कथित खुदकुशी का मामला सुलझता नहीं दिख रहा है. महंत ने अपने 15 पन्ने के सुसाइड नोट में एक तरफ चहेते शिष्य आनंद गिरी (Anand Giri) को इसके लिए जिम्मेदार ठहाराया है, तो दूसरी तरफ उसी नोट में एक अनजान महिला का भी जिक्र है, जिसका वीडियो बनाकर वायरल करने की साजिश रचने का आरोप उन्होंने आनंद गिरि पर लगाया है.

20 सितंबर की तारीख में जारी सुसाइड नोट में महंत नरेंद्र गिरि ने तीसरे पन्ने पर लिखा है, “मैं महंत नरेंद्र गिरि, आज मेरा मन आनंद गिरि के कारण विचलित हो गया. हरिद्वार से ऐसी सूचना मिली कि आनंद गिरि कम्प्यूटर के माध्यम से एक लड़की के साथ मेरी फोटो जोड़कर गलत काम करते हुए बदनाम करेगा. आनंद गिरि का कहना है कि महराज यानी मैं “कहां तक सफाई देते रहेंगे’. मैं जिस सम्मान से जी रहा हूं, अगर मेरी बदनामी हो गई तो मैं समाज में कैसे रहूंगा? इससे अच्छा मर जाना ही ठीक है.”

बता दें कि महंत नरेंद्र गिरि ने सोमवार (20 सितंबर) की शाम प्रयागराज के बाघंबरी मठ में कथित तौर पर खुदकुशी कर ली. पुलिस के मुताबिक, महंत नरेंद्र गिरि ने खुदकुशी की है. बंद कमरे के अंदर उनका शव फंदे से लटका हुआ मिला. मौके से पुलिस ने एक सुसाइट नोट भी बरामद किया है, जिसमें शिष्य आनंद गिरि समेत कुछ लोगों की हरकतों से तंग आकर आत्महत्या करने की बात लिखी गई है. सुसाइड नोट में महंत ने आद्या तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी को भी आत्महत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया है.

महंत ने अपने पत्र में मठ के अंदर नींबू के पेड़ के पास समाधि बनाए जाने, बलवीर गिरि को उत्तराधिकारी बनाए जाने और वसीयत का भी जिक्र किया है, जिसपर अखाड़ा परिषद के पदाधिकारी निर्णय करेंगे. इधर, फॉरेंसिक टीम सुसाइड नोट की जांच कर रही है. पुलिस ने अब तक तीन लोगों को हिरासत में लिया है, जिसमें आनंद गिरि, आद्या तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी शामिल हैं. UP सरकार ने कहा है कि महंत नरेंद्र गिरि की मौत की जांच SIT करेगी.

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