जब दुनिया के ताकतवर नेता पुतिन के सामने PM मोदी ने कहा- ‘आज का युग युद्ध का नहीं’, रूसी राष्ट्रपति को यूक्रेन पर देना पड़ा जवाब

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने एससीओ समिट 2022 (SCO Summit 2022) में शुक्रवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के साथ मुलाकात की और कई गंभीर मुद्दों पर चर्चा की. इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने और बातचीत के रास्ते पर लौटने के लिए कहा.

पीएम मोदी ने कहा, “मैं जानता हूं कि आज का युग युद्ध का नहीं है. हमने आपके साथ इस मुद्दे पर कई बार फोन पर चर्चा की है कि लोकतंत्र, कूटनीति और संवाद पूरी दुनिया को छूते हैं.” उन्होंने कहा कि वह आने वाले दिनों में शांति की राह पर कैसे आगे बढ़ सकते हैं और पुतिन के दृष्टिकोण को समझने के बारे में बात करने की उम्मीद करते हैं.

पीएम मोदी ने कहा, “आज दुनिया के सामने सबसे बड़ी चिंता, खाद्य सुरक्षा, ईंधन सुरक्षा और उर्वरक है. हमें इन समस्याओं के रास्ते तलाशने होंगे और आपको भी इस पर विचार करना होगा.”

‘हम मोदी की स्थिति के बारे में जानते हैं’

यूक्रेन पर दिए पीएम मोदी के बयान पर पुतिन को भी जवाब देना पड़ा. रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि वह मोदी की स्थिति और यूक्रेन संघर्ष पर ‘चिंताओं’ के बारे में जानते हैं. उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि यह सब जल्द से जल्द खत्म हो, लेकिन यूक्रेन के नेतृत्व ने बातचीत प्रक्रिया में शामिल होने से इनकार कर दिया है.” उन्होंने कहा कि वे अपने उद्देश्यों को सैन्य रूप से युद्ध के मैदान में हासिल करना चाहते हैं.

पीएम मोदी ने रूस-यूक्रेन का जताया आभार 

इस दौरान प्रधानमंत्री ने व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि जब संकट काल में हजारों भारतीय छात्र  यूक्रेन में फंसे थे तब रूस और यूक्रेन की मदद से हमारे छात्रों को हम वहां से निकाल सके. उन्होंने कहा कि आज का युग युद्ध का नहीं है कूटनीति का है. 

समरकंद में SCO सम्मेलन

पीएम मोदी शुक्रवार को SCO शिखर सम्मेलन की बैठक में शामिल हुए थे. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोविड-19 और यूक्रेन में उपजे हालात के कारण वैश्विक आपूर्ति शृंखला बाधित हुई है, जिससे विश्व के समक्ष ‘अभूतपूर्व’ खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा संकट पैदा हुआ.

आठ देशों के प्रभावशाली एससीओ समूह का शिखर सम्मेलन ऐसे समय में हुआ जब यूक्रेन पर रूस के हमले और ताइवान के खिलाफ चीन के आक्रामक सैन्य रुख के कारण भू-राजनीतिक उथल-पुथल मची हुई है. मोदी करीब 24 घंटे के दौरे पर गुरुवार की रात यहां पहुंचे थे.

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