कांग्रेस के लिए क्यों अहम है नागपुर की रैली? पार्टी का यहां से क्या खास है रिश्ता

साल 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी महाराष्ट्र के नागपुर से अपने चुनावी अभियान की शुरुआत की है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की जन्मस्थली नागपुर में कांग्रेस पार्टी के 139वें स्थापना दिवस के मौके पर हो रही इस रैली का थीम ‘हैं तैयार हम’ रखा गया है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने नागपुर में हो रही इस रैली को लेकर पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि कांग्रेस अपनी विचारधारा के साथ कभी समझौता नहीं करेगी. अपनी विचारधारा से ही आगे बढ़ेगी और यही संदेश कांग्रेस नागपुर से पूरे देश को देने जा रही है.

कांग्रेस पार्टी ने इस महारैली को सफल बनाने के लिए देश भर से अपने तमाम नेताओं, कार्यकर्ताओं को नागपुर बुला लिया है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत तमाम राष्ट्रीय और राज्यस्तरीय नेता नागपुर पहुंच चुके हैं. सोनिया गांधी स्वास्थ्य कारणों से नागपुर नहीं जाएंगी, जबकि प्रियंका गांधी उनके साथ हैं. इसलिए उनका भी कार्यक्रम रद्द हो गया है. राहुल गांधी ने अपने भाषण में बीजेपी और केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला है.

नागपुर है आरएसएस का मुख्यालय
नागपुर में हो रही इस रैली को इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का मुख्यालय है. पिछले कुछ वर्षों में राहुल गांधी ने सबसे ज्यादा आलोचना संघ की ही की है. राहुल गांधी लगातार केंद्र सरकार के नागपुर मॉडल का विरोध करते रहे हैं. ऐसे में नागपुर में हो रही इस रैली में राहुल गांधी क्या बोलेंगे इस पर तमाम लोगों की निगाहें टिकी हैं.

TV9भारतवर्ष के साथ खास बातचीत करते हुए कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता डॉक्टर शकील अहमद ने कहा है कि नागपुर में हो रही इस रैली का नाम ‘है तैयार हम’ इसलिए रखा गया है ताकि देश को यह बताया जा सके कि कांग्रेस देश मे फैलाए जा रहे हर तरह के नफरत का जवाब मोहब्बत से देने के लिये तैयार है.

नागपुर से कांग्रेस का रहा है खास नाता
कांग्रेस के रणनीतिकारों का मानना है कि महाराष्ट्र का विदर्भ क्षेत्र और नागपुर कभी कांग्रेस का मजबूत गढ़ हुआ करता था. नागपुर से कांग्रेस की अपनी इतिहास भी जुड़ी हुई है. कांग्रेस पार्टी के कई महत्वपूर्ण अधिवेशन पूर्व में नागपुर में हो चुके हैं. यही से साल 1959 में इंदिरा गांधी को कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव पास हुआ था, जबकि आजादी के आंदोलन में भी नागपुर की बड़ी भूमिका रही है.

नागपुर को संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की दीक्षा स्थली के रूप में भी जाना जाता है. साल 2014 के बाद से लगातार कांग्रेस और विपक्षी पार्टियां देश के संविधान और लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप मोदी सरकार पर लगाती रही है. ऐसे में लोकसभा चुनाव से महज 4 महीने पहले अपनी स्थापना दिवस के मौके पर नागपुर को ही अपनी चुनावी अभियान स्थली के रूप में चुनना कांग्रेस की दूरगामी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है.

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