योगी सरकार का 17 लाख करोड़ का निवेश जुटाने की कोशिश का सपना हो पाएगा पूरा

उत्तर प्रदेश :- जिस उत्तर प्रदेश में कभी लचर कानून व्यवस्था, खस्ताहाल सड़कें और बिजली कटौती की वजह से निवेशक आने से कतराते थे, वहां योगी आदित्यनाथ की सरकार 17 लाख करोड़ रुपए का निवेश लाने में जुटी है।
लक्ष्य बड़ा जरूर है, लेकिन अब मुमकिन होता नजर आ रहा है। 2018 की पहले निवेशक सम्मेलन में चार लाख 28 हजार करोड़ रुपए के निवेश का सपना योगी सरकार ने देखा था। इसमें चार लाख करोड़ रुपए का निवेश अब तक धरातल पर उतार पाने में कामयाबी मिली है। अकेले मुंबई से उत्तर प्रदेश को पांच लाख करोड़ रुपये का निवेश मिलने का भरोसा दिलाया गया है।

पांच साल में उत्तर प्रदेश में मूलभूत ढांचागत विकास पर केन्द्रित योगी सरकार अब अपनी बोई फसल काटने को तैयार है। विदेश से निवेशकों को उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित करने के लिए योगी आदित्यनाथ की सरकार ने 16 देशों में रोडशो किए। उस वक्त विदेश से पूंजी निवेश का सात लाख करोड़ रुपए का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इसके सापेक्ष सरकार को दस लाख करोड़ रुपए का विदेशी पूंजी निवेश का प्रस्ताव अब तक मिल चुका है। सरकार दावा कर रही है कि दस लाख करोड़ रुपए के निवेश से प्रदेश में दस लाख रोजगार सृजित होंगे।

वहीं हाल में अपने दो दिवसीय प्रवास पर मुंबई गए योगी आदित्यनाथ ने मुकेश अंबानी समेत देश के प्रमुख उद्योगपतियों से मुलाकात की। इसके परिणाम बेहद सकारात्मक रहे। सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि इस दो दिवसीय प्रवास में उद्योगपतियों ने उत्तर प्रदेश में पांच लाख करोड़ रुपए का निवेश करने पर सहमति जताई है। गौतम अडानी ने यूपी की पीपीपी मेडिकल कालेज योजना में रुचि दिखाई है।

अडानी ने बलिया व श्रावस्ती में मेडिकल कालेज खोलने पर अपनी सहमति जताई है। इसके अलावा अडानी समूह ने नोएडा में 10 हजार युवाओं की क्षमता वाला कौशल विकास केंद्र स्थापित करने का भी प्रस्ताव रखा है। वहीं रैमकी ग्रुप ने प्रदेश सरकार को कानपुर-लखनऊ के बीच सैटेलाइट सिटी बनाने का प्रस्ताव दिया है। इस पर योगी सरकार राजी है।

उधर, टाटा संस ने एलान किया है कि उत्तर प्रदेश के आध्यात्मिक महत्त्व के हर शहर में वह एअर इंडिया की उड़ान शुरू करेंगे। दो दिवसीय मुंबई प्रवास के दौरान योगी आदित्यनाथ ने रिलायंस, टाटा संस, अडानी, गोदरेज, बिरला, पीरामल, वेदांता, पार्ले, हिंदुजा, लोढ़ा और रैमकी सहित 24 से अधिक उद्योगपतियों ने मुलाकात की। मैराथन कार्यक्रमों के बीच उद्योग जगत के दिग्गजों के साथ हुई विशेष मुलाकातों में मुख्यमंत्री ने उद्योग जगत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पांच ट्रिलियन डालर के संकल्प से जुड़ने का आह्रान भी किया है।

अडानी समूह के करन अडानी ने वेयरहाउसिंग व लाजिस्टिक्स सेक्टर में बड़े निवेश की कार्ययोजना पर चर्चा की। उन्होंने 7 अलग-अलग स्थानों पर सीमेंट की इकाइयां लगाने पर भी विमर्श किया। करण अदानी ने लखनऊ हवाईअड्डे के विस्तारीकरण की योजना भी साझा की। यूपी रक्षा गलियारे में ब्राजील के बाद दुनिया का सबसे बड़ा एमयूनिशन हब बनाने की कार्ययोजना पर विस्तार से चर्चा की।

10 फरवरी से लखनऊ में शुरू होने वाले निवेशक सम्मेलन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत हर क्षेत्र से प्रमुख लोगों के आने की बात कही जा रही है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि उत्तर प्रदेश को आने वाले पांच साल विकास की किस ऊंचाई तक ले कर जाते हैं।

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