डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने किया चांदनी चौक का निरीक्षण, गंदगी देख अधिकारियों पर भड़के

दिल्ली: दिल्ली की ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित करने की दिशा में दिल्ली सरकार ने चांदनी चौक का सौंदर्यीकरण करवाया था. इसी सौंदर्यीकरण के बाद गुरुवार शाम मनीष सिसोदिया ने लाल किले से फतेहपुरी मस्जिद तक 1.4 किमी रोड स्ट्रेच का औचक निरीक्षण किया और रखरखाव का जायजा लिया. निरीक्षण के दौरान उपमुख्यमंत्री ने साफ-सफाई का बेहतर इंतजाम नहीं करने को लेकर संबंधित अथॉरिटी को फटकार लगाई है.

उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अपने निरीक्षण के दौरान पाया कि संबंधित एजेंसी द्वारा रोड स्ट्रेच की साफ-सफाई और रखरखाव के काम में लापरवाही बरती जा रही है. साथ ही वहां लगाए गए बूम-बैरियर भी काम नहीं कर रहे हैं. ये पूरा स्ट्रेच मोटर वाहनों के लिए पूरी तरह प्रतिबंधित है उसके बावजूद पुलिस की अनदेखी के कारण यहां दुपहिया मोटर वाहनों की आवाजाही देखी गई और ये भी पाया गया कि पूरे स्ट्रेच पर साइकिल-रिक्शा की संख्या भी काफी बढ़ गई है.

दिल्ली की पहचान है चांदनी चौक
चांदनी चौक के नवीनीकरण और सौंदर्यीकरण की परियोजना के तहत इस पूरे स्ट्रेच पर खंभों से लटकते तारों को भूमिगत किया गया है लेकिन दोबारा कुछ जगहों पर ओवरहेड तार लटकते दिखे. इस मौके पर मनीष सिसोदिया ने कहा कि चांदनी चौक दिल्ली को विश्वस्तर पर पहचान देती है.

अपने इस ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित करने के लिए सरकार ने यहां नवीनीकरण और सौंदर्यीकरण का काम किया है. लेकिन यह काम यहीं खत्म नहीं होता है. नवीनीकरण और सौंदर्यीकरण के कामों के बाद उसका बेहतर ढंग से रखरखाव करना भी बेहद महत्वपूर्ण है. जिसके लिए सभी को साथ मिलकर काम करने की जरुरत है. मनीष सिसोदिया ने कहा कि सभी एजेंसीज के संयुक्त प्रयासों से ही हम अपने इस ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित करने का काम कर सकते है.

चांदनी चौक में नहीं हो पा रही है सफाई
चांदनी चौक के नवीनीकरण और सौंदर्यीकरण के दौरान पर्यटकों की सुविधाओं का खासा ध्यान रखा गया है. चांदनी चौक को खूबसूरत बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई है साथ ही यहां आने वाले लोगों को बैठने के लिए सड़क के दोनों तरफ जगह-जगह व्यवस्था की गई है. लेकिन यहां सफाई का ध्यान नहीं रखा जा रहा है.

इस बदइंतजामी पर उपमुख्यमंत्री ने अधिकारियों को फटकारा साथ ही उनको निर्देश दिया कि स्ट्रेच पर लगाए गए सीसीटीवी कैमरों की फुटेज उपलब्ध करवाई जाएं जिसके माध्यम से ये देखा जा सके कि स्ट्रेच की नियमित रूप से सफाई की जा रही है या नहीं और साथ ही इसके रखरखाव के लिए क्या कदम उठाये जाते है. उपमुख्यमंत्री ने पीडब्ल्यूडी (PWD) के प्रधान सचिव को इस पूरे स्ट्रेच की मॉनिटरिंग करने और उससे संबंधित रिपोर्ट देने के निर्देश भी दिए.

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