चालू वित्त वर्ष में अनुमान से दोगुना रह सकता है राजकोषीय घाटा, कुल 14500000000000 रुपए नुकसान में रहेगी सरकार

Fiscal deficit: आर्थिक जानकारों का कहना है कि कोरोना के कारण चालू वित्त वर्ष में सरकार का घाटा 14.5 लाख करोड़ रुपए रह सकता है जो जीडीपी का 7.5 फीसदी है.

देश का राजकोषीय घाटा (Fiscal deficit) चालू वित्त वर्ष 2020-21 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 7.5 फीसदी तक पहुंचने का अनुमान है. विशेषज्ञों ने यह राय जताई है. उनका कहना है कि कोविड-19 महामारी की वजह से राजस्व संग्रह घटने से राजकोषीय घाटा अनुमान से कहीं ऊपर रहेगा. चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे का बजट अनुमान 3.5 फीसदी रखा गया है. इस लिहाज से राजकोषीय घाटा बजट अनुमान से 100 फीसदी अधिक रहने की संभावना है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020-21 के आम बजट में राजकोषीय घाटा 7.96 लाख करोड़ रुपए या जीडीपी का 3.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था. इसी तरह वित्त मंत्री ने बजट में सकल बाजार ऋण (Gross market debt) 7.80 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान रखा था. कोविड-19 संकट के बीच धन की कमी से जूझ रही सरकार ने मई में चालू वित्त वर्ष के लिए बाजार ऋण कार्यक्रम को 50 फीसदी से अधिक बढ़ाकर 12 लाख करोड़ रुपए कर दिया था. इक्रा की प्रमुख अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि मार्च में समाप्त हो रहे वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 7.5 फीसदी पर पहुंचने का अनुमान है.

14.5 लाख करोड़ राजस्व घाटा का अनुमान
उन्होंने कहा, ‘हमारा अनुमान है कि राजकोषीय घाटा 14.5 लाख करोड़ रुपए या जीडीपी का 7.5 फीसदी रहेगा.’ उन्होंने कहा कि मौजूदा मूल्य पर सकल घरेल उत्पाद 2020-21 में 194.82 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान है. वहीं 31 मई, 2020 को वित्त वर्ष 2019-20 के लिए जारी जीडीपी का शुरुआती अनुमान 203.40 लाख करोड़ रुपए था. ईवाई इंडिया के मुख्य नीति सलाहकार डी के श्रीवास्तव ने कहा कि केंद्र सरकार

नवंबर तक राजकोषीय घाटा 10.7 लाख करोड़ पर पहुंचा
केंद्र का राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष के पहले आठ माह (अप्रैल-नवंबर) के दौरान 10.7 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया है, जो पूरे साल के बजट अनुमान का 135 फीसदी है. कोविड-19 महामारी पर अंकुश के लिए लगाए गए लॉकडाउन की वजह से राजकोषीय घाटा जुलाई में ही बजट लक्ष्य को पार कर गया था. नवंबर, 2020 के अंत तक सरकार की कुल प्राप्तियां 8,30,851 करोड़ रुपए थीं. यह 2020-21 के बजट अनुमान का 37 फीसदी हैं. इसमें 6,88,430 करोड़ रुपए का कर राजस्व, 1,24,280 करोड़ रुपए का गैर-कर राजस्व और 18,141 करोड़ रुपए की गैर-ऋण पूंजीगत प्राप्तियां शामिल हैं.

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