बिजली उपभोक्ताओं के लिए खुशखबरी! बकाया बिल जमा करने पर मिलेगी 100% तक की छूट, ये हैं शर्तें

नोएडा में रहने वाले बिजली उपभोक्ताओं के लिए बिजली विभाग ने बिल भुगतान के लिए एक बड़ी स्कीम लॉन्च की है. स्कीम में पहले आओ ज्यादा पाओ वाला नियम है. गौतमबुद्ध नगर के मुख्य अभियंता राजीव मोहन ने बताया कि बिजली विभाग की इस स्कीम के तहत 31 दिसंबर तक अपने बिजली बिल के बकाया राशि का भुगतान करने वाले उपभोक्ताओं को अधिकतम से अधिकतम छूट दी जाएगी. इसके जरिए जहां बिजली विभाग को अच्छा खासा राजस्व प्राप्त होगा. वहीं बिजली उपभोक्ताओं को भी दी जाने वाली छूट का फायदा मिल सकेगा.

दरअसल,प्रदेश सरकार और कारपोरेशन ने बहुत ही अट्रेक्टिव स्कीम जिसका उपभोक्ताओं के लिए बेसब्री से इंतजार था लागू की है. एक मुस्त समाधान योजना (वन टाइम सेटलमेंट) को बीते 8 नवंबर से लागू हो चुकी है और 31 दिसंबर तक जारी रहेगी. लेकिन इसे तीन चरणों में लागू की किया है 8 नवंबर से 30 नवंबर तक, 1 दिसंबर से 15 दिसंबर तक और तीसरे फेस 16 दिसंबर से 31 दिसंबर तक है.

कितनी मिलेगी छूट
बिजली विभाग के मुख्य अभियंता राजीव मोहन ने जानकारी देते हुए बताया कि तीन चरणों में लॉन्च की गई इस स्कीम के तहत पहले चरण में जो भी उपभोक्ता बिजली के बिलों का भुगतान करेंगे. उन्हें 100% तक की छूट मिल सकेगी. वहीं दूसरे चरण में 80% से 90% की छूट मिलेगी, तीसरे चरण 16 दिसंबर से 31 दिसंबर के बीच बकाई राशि का भुगतान करने वाले उपभोक्ताओं को 50% से 20% तक की छूट का प्रावधान किया गया है. स्कीम का उद्देश्य है कि जल्दी से जल्दी बकाया राशि का भुगतान करने वाले उपभोक्ताओं को ज्यादा से ज्यादा छूट का फायदा मिले.

सभी उपभोक्ता उठा सकते हैं फायदा
इस स्कीम में एलएमबी1, एलएमबी2, एलएमबी3, एलएमबी4, एलएमबी4, एलएमबी5, एलएमबी6 इसमें शामिल है जो घरेलू और दुकानदार के साथ प्राइवेट नलकूप वाले किसान इसका लाभ उठा सकते हैं. इसके साथ ही इस स्कीम में को चोरी के केस 135 में दर्ज होते है वो पीड़ित उपभोक्ता भी इसका लाभ उठा सकते हैं. इस स्कीम का दायरा इस बार बहुत बड़ा है जो उपभोक्ता ज्यादा से ज्यादा लाभ उठा सकते हैं. इसके साथ ही आपको बता दें कि केटेगरी से एलएमबी से ऊपर एचबी1 और एचबी 2 जो औधोगिक केटेगरी में आते और जो हाई वोल्टेज केटेगरी है उनको इस स्कीम से दूर रखा गया है. औद्योगिक इकाइयों को छोड़कर सभी तरह के बिजली उपभोक्ताओं को इस स्कीम के दायरे में रखा गया है ताकि उन्हें अधिक से अधिक फायदा मिल सके.

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