अमेरिका के 25 प्रतिशत स्टार्टअप्स के बॉस भारतीय, 2028 में होगी चीन से ज्यादा वर्किंग पापुलेशन – निर्मला सीतारमण

IIITDM कांचीपुरम के दसवें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुईं केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा कि भारत की हायर एजुकेशन ने विश्व स्तर पर कंपनियों को सर्वश्रेष्ठ अधिकारियों के तौर पर योगदान दिया है. उन्होंने बताया कि सिलिकॉन वैली (Silicon Valley) में सभी स्टार्ट-अप का लगभग 25 प्रतिशत भारतीय मूल के लोगों के हाथों में है. 

निर्मला सीतारमण ने बताया कि स्टैंडर्ड एंड पूअर्स (S&P Global Ratings) की टॉप 500 कंपनियों की लिस्ट में भारतीय सीईओ (Indian CEO) की संख्या अमेरिका के आंकड़े के बाद दूसरे नंबर पर है. 58 टॉप कंपनियों के सीईओ मूल रूप से भारतीय हैं. वहीं 11 ऐसी कंपनियों में हैं, जो बहुराष्ट्रीय हैं. उन्होंने बताया कि इन फर्मों का एक ट्रिलियन का कलेक्टिव रेवेन्यू है, जबकि चार ट्रिलियन का टर्नओवर है. 

उन्होंने कहा कि एजुकेशन सिस्टम पर ऐसे ही काम किया जाएगा, जिससे इस तरह के कारनामों को जारी रखा जा सके. उन्होंने गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई और ट्विटर के सीईओ पराग अग्रवाल का भी उदाहरण दिया, जोकि भारतीय मूल के शीर्ष अधिकारियों में आते हैं. उन्होंने कहा कि भारत बड़ी फर्मों का प्रबंधन करने वाले अधिकारियों का दूसरा सबसे बड़ा गढ़ बन रहा है. 

2028 में बढ़ेगी कामकाजी आबादी 

निर्मला सीतारमण ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत की कामकाजी आबादी (Working Population) 2028 में चीन से आगे निकल जाएगी. काम करने की उम्र वाली आबादी 2036 तक पूरी आबादी के 65 प्रतिशत के स्तर तक पहुंच जाएगी और यह 2047 तक इसी स्तर पर रहेगी. इससे देश के सकल घरेलू उत्पाद में योगदान बढ़ाने में मदद मिलेगी. यह तब ही हो पाएगा जब बच्चों को अभी से प्रशिक्षित किया जाएगा और युवाओं को समान अवसर दिए जाएंगे

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