MP में खुले में मीट-मछली की बिक्री पर रोक से बिफरीं मायावती, कहा-फैसले पर पुनर्विचार जरूरी

मध्य प्रदेश में भाजपा की नई सरकार बनने के बाद खुले स्थानों पर मीट-मछली की बिक्री पर रोक लगाने के फैसले की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने आलोचना की है. मध्य प्रदेश में खुले स्थानों पर मांस और मछली की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के नवगठित भाजपा सरकार के हालिया फैसले पर मायावती ने शुक्रवार को निशाना साधा और कहा कि इस “विवादास्पद” निर्णय पर सरकार पुनर्विचार करें. गरीबी और बेरोजगारी दूर करने के लिए सरकार काम करे.

एक्स पर मायावती ने ट्वीट किया कि मध्य प्रदेश में नवगठित भाजपा सरकार को बेरोजगारों एवं अन्य गरीब मेहनतकश लोगों को आजीविका प्रदान करने को प्राथमिकता देनी चाहिए, लेकिन आवश्यक निर्णय लेने के बजाय वहां की सरकार ने उन लोगों का दमन करना शुरू कर दिया है
उन्होंने कहा कि ऐसे लोग जो रोजगार के अवसरों की कमी के कारण, मछली, अंडे, मांस आदि बेचकर स्वरोजगार कर रहे हैं. उनका दमन सरकार ने शुरू कर दिया है.

मायावती ने मध्य प्रदेश के फैसले पर उठाया सवाल

  1. मध्य प्रदेश की नई बनी भाजपा सरकार द्वारा बेरोजगारों व अन्य गरीब मेहनतकशों को रोटी-रोजी उपलब्ध कराने का जरूरी फैसला करने के बजाय, रोजगार के अभाव में मछली, अण्डा, मीट आदि का खुले में स्वरोजगार करने वालों पर दमन शुरू कर देना कितना उचित? इस विवादित फैसले पर पुनर्विचार जरूरी।

बसपा प्रमुख ने सवाल किया कि यह कितना उचित है? इस विवादास्पद निर्णय पर पुनर्विचार आवश्यक है. मध्य प्रदेश के नवनियुक्त मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बुधवार को अपना पहला आदेश जारी कर कहा था कि धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है. पद की शपथ लेने के बाद अपनी पहली कैबिनेट बैठक करते हुए उन्होंने खुले स्थानों पर मांस और मछली की बिक्री पर भी प्रतिबंध लगा दिया था.

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा था कि मध्य प्रदेश में 15 से 31 दिसंबर तक खुले में मांस और मछली की बिक्री पर प्रतिबंध लागू करने के लिए खाद्य विभाग, पुलिस एवं स्थानीय शहरी निकायों द्वारा एक अभियान चलाया जाएगा.

सरकार की नीति पर मायावती ने उठाया सवाल

  1. मध्य प्रदेश सरकार ही नहीं बल्कि सभी सरकारों से महंगाई, गरीबी व बेरोजगारी आदि को दूर करने पर ही पूरी तन्मयता से काम करने की जरूरत। फिर भी इन वस्तुओं के खुले में व्यापार करने पर इतनी ज्यादा आपत्ति है तो उन्हें उजाड़ने से पहले दुकान एलाट करने की व्यवस्था सरकार क्यों नहीं करती

बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार के फैसले पर विपक्षी पार्टियों ने सवाल उठाये हैं. विपक्षी पार्टियों का आरोप है कि मध्य प्रदेश की सरकार हिंदू एजेंडा पर काम कर रही है. हिंदू एजेंडा का बढ़ावा दिया जा रहा है, जबकि विकास और लोगों के कल्याण की योजनाओं पर सरकार का ध्यान नहीं है.

मायावती ने ट्वीट किया कि मध्य प्रदेश सरकार को ही नहीं बल्कि सभी सरकारों को महंगाई, गरीबी एवं बेरोजगारी आदि को खत्म करने पर तत्परता से काम करने की जरूरत है. फिर भी अगर सरकार को इन वस्तुओं के खुले व्यापार पर इतनी ही आपत्ति है तो सरकार दुकानों को तोड़ने के पहले उन दुकानों को बनाने की व्यवस्था क्यों नहीं करती है. सरकार ऐसे दुकानदारों को दुकान एलाट करने की व्यवस्था क्यों नहीं करती है.

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