शिंदे सरकार का तोहफा! इन सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ

महाराष्ट्र में 2005 से पहले सरकारी सेवा में आए कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) का लाभ देने का फैसला गुरुवार हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में लिया गया. शिंदे सरकार के इस फैसले से राज्य के साढ़े चार से पांच हजार कर्मचारियों को फायदा मिलेगा. 2005 नवंबर से पहले सरकारी नौकरी के लिए जो इश्तहार निकले थे, लेकिन उन्हें नौकरी में 2006 में ज्वाइन किया गया. ऐसे लोगों को भी न्यू पेंशन स्कीम में डाल दिया था, जिन्होंने सरकार से मांग की थी.

लिहाजा अब उन्हें पुरानी पेंशन स्कीम का फायदा मिलना चाहिए. सरकार ने उसे आज मंजूरी दे दी है. लगभग 4 हजार के क़रीब ऐसे कर्मचारी है. अब जिनको ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ मिलेगा.

महाराष्ट्र कैबिनेट ने गुरुवार एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी, जो नवंबर 2005 के बाद सेवा में शामिल होने वाले राज्य सरकार के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) का लाभ उठाने का विकल्प प्रदान करता है.

ओपीएस की मांग को लेकर हुई थी हड़ताल
यह फैसला सरकार के साथ-साथ अर्ध-सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों द्वारा ओपीएस बहाल करने की मांग को लेकर हड़ताल पर जाने के कुछ दिनों बाद आया है. मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने कहा कि कैबिनेट ने उस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जो नवंबर 2005 के बाद सेवा में शामिल होने वाले राज्य कर्मचारियों को ओपीएस का विकल्प प्रदान करता है.

राज्य में लगभग 9.5 लाख राज्य कर्मचारी हैं, जो नवंबर 2005 से पहले सेवा में शामिल हुए थे और वे पहले से ही ओपीएस का लाभ उठा रहे हैं. ओपीएस के तहत, एक सरकारी कर्मचारी को उसके अंतिम आहरित वेतन के 50% के बराबर मासिक पेंशन मिलती है.

महाराष्ट्र कैबिनेट मीटिंग में लिए गए ये फैसले
नई पेंशन योजना (एनपीएस) के तहत, एक राज्य सरकार का कर्मचारी अपने मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 10% योगदान देता है और राज्य भी उतना ही योगदान देता है.

राज्य मंत्रिमंडल ने मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (एमटीएचएल) का उपयोग करने के लिए कारों के लिए टोल राशि के रूप में ₹250 वसूलने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी, जो देश का सबसे लंबा समुद्री पुल है, जो मुंबई में सेवरी को पड़ोसी रायगढ़ जिले में न्हावा शेवा से जोड़ता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 जनवरी को एमटीएचएल का उद्घाटन करेंगे.

सीएमओ ने कहा कि कैबिनेट द्वारा अनुमोदित एक अन्य प्रस्ताव में, मंत्रालय में काम करने वाले क्लर्क-टाइपिस्टों को उनके वर्तमान पारिश्रमिक के अलावा 5,000 रुपये का मासिक भत्ता दिया जाएगा.

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