लखनऊ सीट पर सपा ने उतारे दो प्रत्याशी, जानिए इसके पीछे की वजह

यूपी की लखनऊ लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी के दो उम्मीदवार सामने आ गए हैं. दोनों ने पर्चा दाखिल कर दिया है. बताया जा रहा है रविदास मेहरोत्रा जो पहले कैंडिडेट घोषित गए थे, उनको कुछ जरूरी एनओसी नहीं मिली पाई. संभावना है कि उनका पर्चा रद्द हो जाए. इसलिए पार्टी प्रवक्ता आशुतोष वर्मा ने भी अधिकृत उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया है.

अखिलेश यादव ने इस संबंध में रिटर्निंग ऑफिसर को पत्र लिखा है. ‘इसमें उन्होंने कहा, लखनऊ लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से समाजवादी पार्टी ने रविदास मेहरोत्रा को अपना अधिकृत प्रत्याशी बनाया था. रविदास को 30 अप्रैल को प्रार्म-ए और फार्म-बी जारी कर दिया गया था. अब समाजवादी पार्टी ने अपने निर्णय में संशोधन करते हुए रविदास मेहरोत्रा के साथ डॉ आशुतोष वर्मा को अपना सब्सटीट्यूट कैंडिडेट बनाया है’.

पत्र में क्या लिखा ?
‘अखिलेश ने पत्र में आगे लिखा, आशुतोष वर्मा को 2 मई को फार्म-ए और फार्म-बी जारी कर दिया गया है. आपसे अनुरोध है कि लखनऊ लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से रविदास मेहरोत्रा के साथ आशुतोष वर्मा को समाजवादी पार्टी का सब्सटीट्यूट कैंडिडेट मानते हुए नियमानुसार समाजवादी पार्टी को आरक्षित चुनाव चिन्ह ‘साइकिल’ आवंटित करने का कष्ट करें’.

63 सीटों पर समाजवादी पार्टी
बताते चलें कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच गठबंधन है. सूबे की 80 लोकसभा सीटों में से 63 सीटों पर समाजवादी पार्टी चुनाव लड़ रही है. जबकि 17 पर कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं. कई सीटों पर सपा अपने उम्मीदवार बदल चुकी है. इसकी शुरुआत बदायूं से हुई थी. अखिलेश ने पहले यहां से धर्मेंद्र यादव को प्रत्याशी बनाया था. फिर उनका नाम काटकर शिवपाल यादव को टिकट दिया.

शिवपाल ने लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार करते हुए बेटे के लिए टिकट मांगी. इसके बाद अखिलेश ने उनके बेटे आदित्य यादव का नाम फाइनल किया. बदायूं के साथ ही सपा ने बागपत सीट पर उम्मीदवार बदला था. यहां से पहले मनोज चौधरी को उम्मीदवार बनाया था. उनका टिकट काटकर अमरपाल शर्मा पर भरोसा जताया.

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