महिलाओं की सुरक्षा पर सरकार सख्त, निजी एजेंसियों के सुरक्षाकर्मी भी रखेंगे नजर

उत्तर प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर योगी सरकार गंभीर है. समय-समय पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महिलाओं की सुरक्षा को लेकर पुलिस अधिकारियों संग बैठक करते रहते हैं. सरकार ने इसको लेकर ‘मिशन शक्ति’ अभियान भी चला रखा है. इस बार योगी सरकार ने ‘मिशन शक्ति’ के चौथे चरण के साथ महिलाओं की सुरक्षा की दिशा में और मजबूती से कदम उठाए हैं.

दरअसल, सरकार द्वारा जो सेफ सिटी परियोजना चलाई जा रही है, उसके तहत जो 17 नगर निगम हैं- वाराणसी, अयोध्या, कानपुर, मेरठ, बरेली, सहारनपुर, गाजियाबाद, अलीगढ़, शाहजहांपुर, प्रयागराज, गोरखपुर, आगरा, झांसी, मथुरा, मुरादाबाद, लखनऊ, फिरोजाबाद के अलावा गौतम बुद्ध नगर (नोएडा-ग्रेटर नोएडा) में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर विशेष ध्यान रखा जा रहा है.

सेफ सिटी में CCTV कैमरों का बिछाया जा रहा जाल
इन सेफ सिटी (17 नगर निगम और नोएडा) में सीसीटीवी कैमरों का जाल बिछाया जा रहा है, वहीं एक और महत्वपूर्ण काम यह किया जा रहा है कि इन कैमरों को यूपी-112 से इंटीग्रेट किया जा रहा है. सरकार ने यह भी तय किया है कि इन सेफ सिटी में व्यवसायिक गतिविधियों और इंस्टीट्यूशन की संख्या को देखते हुए प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसियों में काम करने वाले कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जाएगी, ताकि आपात स्थिति में वह भी मदद कर सकें.

निजी सुरक्षा एजेंसी के 771 कर्मियों को किया गया प्रशिक्षित
दरअसल, योगी सरकार का मानना है कि इन सेफ सिटी में रजिस्टर्ड निजी सुरक्षा एजेंसियों अहम रोल निभा सकती हैं. अगर देखा जाए तो रजिस्टर्ड निजी सुरक्षा एजेंसियों के मामले में गाजियाबाद पहले, कानपुर दूसरे, मेरठ तीसरे, गौतम बुद्ध नगर चौथे और बरेली पांचवें स्थान पर है. इन सेफ सिटी में व्यावसायिक गतिविधियां लगातार बढ़ रही हैं. यूपी में कुल 712 निजी सुरक्षा एजेंसियां रजिस्टर्ड हैं. तीन महीने से एक कार्यक्रम चलाया जा रहा है. अभी तक कुल 48 गोष्ठियों आयोजित की गई हैं. जिसमें 124 एजेंसियों के 771 कर्मियों ने हिस्सा लिया.

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