अमेठी-रायबरेली को लेकर कांग्रेस के मन की दुविधा अभी तक शांत नहीं हो सकी है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सोनिया गांधी से साफ शब्दों में कह चुके हैं कि यदि अमेठी रायबरेली से गांधी परिवार नहीं उतरा तो उत्तर भारत में गलत संदेश जाएगा. बुधवार को कांग्रेस आलाकमान की एक महत्वपूर्ण बैठक में इस मसले पर गंभीर चर्चा की गई. इसके अलावा अमेठी और रायबरेली में भी अलग-अलग बैठकें की गईं, ताकि कोई नतीजा निकल सकें, हालांकि ऐसा हो नहीं सका.
अमेठी और रायबरेली में नामांकन का कल आखिरी दिन है, लेकिन अभी तक कांग्रेस ने यहां से अपने उम्मीदवारों के नाम घोषित नहीं किए हैं. कयास लगाए जा रहे हैं कि रायबरेली से प्रियंका गांधी और अमेठी से राहुल गांधी चुनाव लड़ सकते हैं, लेकिन अब तक फैसला नहीं हो सका है. कांग्रेस विधायक केएल शर्मा की मानें तो बुधवार को भी रायबरेली और अमेठी में बैठकें हुईं. सभी को उम्मीद है कि इन सीटों से गांधी परिवार ही मैदान में उतरेगा.
खरगे ने कहा- न लड़े तो नहीं जाएगा सही संदेश
कांग्रेस में अमेठी और रायबरेली सीट को लेकर लगातार मंथन चल रहा है. सभी पहलुओं पर चर्चा के साथ इस बात पर भी जोर दिया जा रहा है कि जीत या हार में कांग्रेस का क्या नफा नुकसान होगा. इसी को देखते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोनिया गांधी से कहा है कि अमेठी और रायबरेली से यदि गांधी परिवार नहीं लड़ेगा तो पूरे उत्तर भारत में खराब संदेश जाएगा.
राहुल अमेठी से लड़ने को तैयार, पर वायनाड नहीं छोड़ेंगे
बताया जा रहा है कि राहुल गांधी ने भी स्पष्ट शब्दों में ये कह दिया है कि में अमेठी से चुनाव लड़ लूंगा, मैं हार से नहीं डरता हूं, लेकिन ये तय है कि मैं वायनाड नहीं छोडूंगा. उधर प्रियंका गांधी का मानना है कि आजादी के आंदोलन से निकले दल के तीनों गांधी संसद में हों ये अच्छा नहीं रहेगा.
सोनिया गांधी के वीटो का इंतजार
खरगे ने सोनिया गांधी ने कह दिया है कि अमेरठी और रायबरेली से राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को ही लड़ना होगा, संदेश देना जरूरी है, वरना कम से कम कोई एक तो लड़े ही. ऐसे में अब सोनिया गांधी के वीटो का इंतजार किया जा रहा है. हालांकि अमेठी और रायबरेली में नामांकन की अंतिम तिथि कल है, ऐसे में देखने वाली बात होगी कि क्या खरगे और सोनिया के हस्तक्षेप को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी मानेंगे या नहीं.