फरीदाबाद को स्मार्ट सिटी के नाम से जाना जाता है लेकिन सवाल उठते हैं क्या फरीदाबाद सच में स्मार्ट सिटी है जो सरकार बड़े-बड़े दावे करती है? क्या उन्हें सच में पूरा कर रही है? विकास कार्य जिन की बात की जाती है क्या वह हो रहे हैं या फिर कागजों में ही सीमित रह गए हैं? जनता की मूलभूत सुविधाओं को लेकर अक्सर विवाद चलता रहता है कहां है फरीदाबाद का विकास?
फरीदाबाद में टूटी सड़कें जलभराव की समस्या आम बात हो गई है, क्योंकि कहा तो जाता है सड़के बन रही हैं, जलभराव की समस्या को कम किया जा रहा है, लेकिन जहां कुछ मिनटों की बारिश होती है वहां सारी सच्चाई बाहर आ जाती है ,और फिर से सारे वादे सारे दावे खोखले हो जाते हैं ।
इसी को लेकर आज सुमित गौड़ ने नगर निगम कमिश्नर दफ्तर के बाहर बीजेपी सरकार के खिलाफ धरना किया। कहा यह सरकार जुमलेबाजी करती है झूठे दावे करती है और जनता को बेवकूफ बनाने का कार्य कर रही है। यह मैं नहीं कह रहा यह फरीदाबाद खुद चीख चीख कर कह रहा है क्योंकि जहां चंद मिनटों की बारिश होती है, वहां फरीदाबाद का विकास नजरों के सामने आ जाता है। वैसे तो फरीदाबाद को स्मार्ट सिटी कहते हैं लेकिन यह शायद कागजों तक ही सीमित है।
कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुमित गौड़ ने कहा कि बीजेपी सरकार निकम्मी है वादों के अलावा कुछ कार्य नहीं करती है । आज हम नगर निगम कमिश्नर ऑफिस का घेराव इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि सरकार ने जो प्रॉपर्टी आईडी के नाम पर लोगों को परेशान किया हुआ है उसे बंद कर आना ।
बीजेपी सरकार स्मार्ट सिटी के नाम पर लाखों करोड़ों रुपए डकार गई है डकार तक नहीं ली। परिवार पहचान पत्र का नाम बदलकर परिवार परेशानी पत्र कर देना चाहिए। सुमित गौड़ ने कहा कि भ्रष्टाचार को लेकर हम ऐसे ही समय-समय पर अलग जताते रहे हैं और जनता की आवाज उठाते आ रहे हैं।