नई दिल्ली: संयुक्त किसान मोर्चा ने कृषि कानूनों को लेकर सरकार के बातचीत के लिए पीएम नरेंद्र मोदी को खत लिखा है. इसमें मोर्चा ने कहा कि सरकार दोबारा बातचीत शुरू. साथ ही कहा कि सरकार हमारी मांगों को माने और तीनों कृषि कानूनों को खत्म करे.
इस चिट्ठी में किसान मोर्चा ने कहा कि 26 मई को दिल्ली की सीमाओं पर हमारे आंदोलन के छह महीने पूरे हो जाएंगे. इस दौरान हमने अपना संधर्ष जारी रखा है. इसी दिन सरकार भी अपने सात साल पूरे करेगी. इस दिन को किसान संगठन काला दिवस के रूप में मनाएंगे.
किसान मोर्चा ने कहा कि सरकार के साथ 11 दौर की बैठक हुई. लेकिन इसके बावजूद भी आंदोलनकारी किसानों की मांगों को नहीं माना गया. सरकार ने 22 जनवरी 2021 के बाद से बातचीत के दरवाजों को बंद कर दिया. हमने आंदोलन के दौरान अपने 470 साथियों को खो दिया.
चिट्ठी में किसान मोर्चा ने ये भी कहा कि कोरोना महामारी के बावजूद देश के अन्नदाता आधे साल से सड़कों पर रहने को मजबूर हैं. हम अपनी मांग पर अडिग है कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाए और एमएसपी की कानूनी गारंटी दी जाए.
साथ ही ये इस खत के जरिए सरकार से ये भी मांग की गई कि वो अपनी पूरी ताकत और संसाधन को कोरोना की लड़ाई में लगाए क्योंकि अब ये गांवों में भी फैल रहा है. सभी लोगों को मुफ्त में छह महीने के भीतर वैक्सीन मिले. जरूरत मंद लोगों को राशन मिले, सभी कोरोना मरीजों का मुफ्त में इलाज हो. अगर राजनीतिक इच्छाशक्ति हो तो ये सब कुछ संभव है.