नई दिल्ली: Navratri 2021: हिंदू पंचांग के अनुसार, शारदीय नवरात्रि इस बार 7 अक्टूबर से शुरू हो रही है, 14 अक्टूबर को नौवां दिन यानी नवमी है, जबकि 15 अक्टूबर को दशहरा मनाया जाएगा. नवरात्रि के पहले दिन लोग अपने घरों में कलश की स्थापना करते हैं, इसके बाद नौ दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा होती है. इस पूजा के दौरान मां के 108 नामों के जाप का भी विशेष महत्व है. आप नौ दिनों तक माता के इन 108 नामों का जाप जरूर करें. हां इसे शुरू करने से पहले आप स्नान कर लें, साफ सुथरे कपड़े पहनें, खुद को पूरी तरह शुद्ध करने के बाद ही आप मां की प्रतिमा या तस्वीर के सामने बैठकर उनके 108 नामों का जाप करें. वहीं इस बात का ध्यान रखना भी बेहद जरूरी है कि जाप के दौरान नामों के उच्चारण में कोई भूल न हो. मान्यता है कि इन 108 नामों के जप से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है.
मां दुर्गा के 108 नाम-
- सती
- साध्वी
- भवप्रीता
- भवानी
- भवमोचनी
- आर्या
- दुर्गा
- जया
- आद्य
- त्रिनेत्र
- शूलधारिणी
- पिनाकधारिणी
- चित्रा
- चण्डघण्टा
- सुधा
- मन
- बुद्धि
- अहंकारा
- चित्तरूपा
- चिता
- चिति
- सर्वमन्त्रमयी
- सत्ता
- सत्यानंद स्वरूपिणी
- अनन्ता
- भाविनी
- भाव्या
- भव्या
- अभव्या
- सदागति
- शाम्भवी
- देवमाता
- चिन्ता
- रत्नप्रिया
- सर्वविद्या
- दक्षकन्या
- दक्षयज्ञविनाशिनी
- अपर्णा
- अनेकवर्णा
- पाटला
- पाटलावती
- पट्टाम्बरपरीधाना
- कलामंजीरारंजिनी
- अमेय
- विक्रमा
- क्रूरा
- सुन्दरी
- सुरसुन्दरी
- वनदुर्गा
- मातंगी
- मातंगमुनिपूजिता
- ब्राह्मी
- माहेश्वरी
- इंद्री
- कौमारी
- वैष्णवी
- चामुण्डा
- वाराही
- लक्ष्मी
- पुरुषाकृति
- विमिलौत्त्कार्शिनी
- ज्ञाना
- क्रिया
- नित्या
- बुद्धिदा
- बहुला
- बहुलप्रेमा
- सर्ववाहनवाहना
- निशुम्भशुम्भहननी
- महिषासुरमर्दिनि
- मसुकैटभहंत्री
- चण्डमुण्ड विनाशिनि
- सर्वासुरविनाशा
- सर्वदानवघातिनी
- सर्वशास्त्रमयी
- सत्या
- सर्वास्त्रधारिणी
- अनेकशस्त्रहस्ता
- अनेकास्त्रधारिणी
- कुमारी
- एककन्या
- कैशोरी
- युवती
- यति
- अप्रौढा
- प्रौढा
- वृद्धमाता
- बलप्रदा
- महोदरी
- मुक्तकेशी
- घोररूपा
- महाबला
- अग्निज्वाला
- रौद्रमुखी
- कालरात्रि
- तपस्विनी
- नारायणी
- भद्रकाली
- विष्णुमाया
- जलोदरी
- शिवदूती
- करली
- अनन्ता
- परमेश्वरी
- कात्यायनी
- सावित्री
- प्रत्यक्षा
108.ब्रह्मवादिनी