आरबीआई (RBI) ने सोमवार को कहा कि केवाईसी (KYC) और कुछ अन्य मानदंडों के उल्लंघन को लेकर दो को-ऑपरेटिव बैंकों पर 7 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.
हाल के कुछ सालों में को-ऑपरेटिव बैंकों में सामने आए गड़बड़झाले ने उपभोक्ताओं को सशंकित किया है. एक के बाद एक कर के देश में कई बैंक घोटाले सामने आ चुके हैं. बिहार में सृजन सहकारी समिति और फिर महाराष्ट्र में पीएमसी बैंक घोटाले ने भी लोगों का ध्यान खींचा है. ऐसे में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की छोटी से छोटी कार्रवाई भी बैंक ग्राहकों को डरा देती है.
आरबीआई की कार्रवाई का ताजा मामला दो को-ऑपरेटिव बैंकों से जुड़ा है. आरबीआई ने सोमवार को कहा कि केवाईसी (KYC) और कुछ अन्य मानदंडों के उल्लंघन को लेकर दो को-ऑपरेटिव बैंकों पर 7 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. इनमें एक, रायपुर का व्यावसायिक सहकारी बैंक मर्यादित है और दूसरा लातूर का महाराष्ट्र नागरी सहकारी बैंक मर्यादित हैं.
एटीएम ओपनिंग और KYC के दिशानिर्देशों की अनदेखी
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, व्यावसायिक सहकारी बैंक मर्यादित पर 5 लाख रुपये और महाराष्ट्र नागरी सहकारी बैंक मर्यादित पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगा है. एक बयान में RBI ने कहा है कि ‘व्यावसायिक सहकारी बैंक मर्यादित, रायपुर’ पर जुर्माना ऑन साइट एटीएम की ओपनिंग और KYC को लेकर RBI द्वारा जारी निर्देशों का पालन नहीं करने के लिए लगाया गया है.
बैंक की जांच रिपोर्ट में इस गड़बड़ी का पता चला है. आरबीआई ने कहा कि 31 मार्च, 2018 को उसकी वित्तीय स्थिति के संदर्भ में बैंक की निरीक्षण रिपोर्ट बताई गई है, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ एटीएम और केवाईसी खोलने के निर्देशों का अनुपालन नहीं किया गया है.
एक अन्य बयान में RBI ने कहा कि महाराष्ट्र नागरी सहकारी बैंक मर्यादित, लातूर पर जुर्माना KYC को लेकर केंद्रीय बैंक द्वारा जारी निर्देशों का पालन नहीं करने के लिए लगाया गया है. बता दें कि देश के सभी बैंकों को KYC की सरकारी गाइडलाइंस का पालन करना अनिवार्य होता है.
क्या बैंक के ग्राहकों पर भी पड़ेगा कोई असर?
आए दिन ऐसी गड़बड़ियों के मामले सामने आने और को-ऑपरेटिव बैंकों पर कार्रवाइयों की खबरें उपभोक्ताओं का ध्यान खींचती रही है. ऐसे में उपभोक्ताओं को अक्सर एक ही डर लगा रहता है कि उनके पैसे कितने सुरक्षित हैं. आरबीआई की कार्रवाई से कहीं बैंकों में जमा उनके पैसों पर तो कोई खतरा नहीं!
आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि ऐसा कोई असर नहीं होने वाला. RBI ने आगे कहा है कि बैंकों के खिलाफ लिया गया एक्शन नियामकीय अनुपालनों में कमियों पर आधारित है. इसका मकसद बैंकों और ग्राहकों के बीच किसी तरह के ट्रांजेक्शन या करार की वैधता पर फैसला देने का नहीं है. ऐसे में स्पष्ट है कि इन दोनों बैंकों के ग्राहकों के पैसों पर इस कार्रवाई का कोई असर नहीं पड़ने वाला है.