भारत अर्थव्यवस्था (Economy) के मामले में ब्रिटेन (Britain) से आगे निकल गया है. भारत अब अमेरिका (America), चीन (China), जापान (Japan) और जर्मनी (Germany) के बाद दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन गया है.
कभी ब्रिटेन का उपनिवेश रहा भारत 2021 के आखिरी तीन महीनों में उसे पीछे छोड़ते हुए पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के सकल घरेलू उत्पाद के आंकड़ों के अनुसार, भारत ने पहली तिमाही में अपनी बढ़त बढ़ाई. फिलहाल भारतीय अर्थव्यवस्था के 2027 तक ब्रिटेन से आगे रहने का अनुमान जताया जा रहा है. वहीं, इस साल इसके सात फीसदी से ज्यादा बढ़ने का अनुमान है.
भारतीय शेयरों में दुनिया की दिलचस्पी का असर
इस तिमाही में भारतीय शेयरों में दुनिया की दिलचस्पी के कारण एमएससीआई इमर्जिंग मार्केट्स इंडेक्स में चीन के बाद देश ने दूसरे स्थान पर बढ़त बनाई है. समायोजित आधार पर और प्रासंगिक तिमाही के आखिरी दिन डॉलर विनिमय दर का इस्तेमाल करते हुए, नकद संदर्भ में मार्च के दौरान तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 854.7 अरब अमेरिकी डॉलर का था जबकि ब्रिटन के मामले में यह 816 अरब डॉलर का रहा. इसकी गणना आईएमएफ डेटाबेस और कंप्यूटर सॉफ्टवेयर ब्लूमबर्ग टर्मिनल पर ऐतिहासिक विनिमय दरों का इस्तेमाल करते हुए की गई.
जानकारों का मानना है कि ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था अभी और नीचे जा सकती है. ब्रिटेन की जीडीपी दूसरी तिमाही में नकद संदर्भ में केवल एक फीसदी बढ़ी और मुद्रास्फीति के समायोजन के बाद 0.1 परसेंट सिकुड़ गई.
रुपये की तुलना में पाउंड रहा कमजोर
रुपये की तुलना में पाउंड ने भी डॉलर के मुकाबले कमजोर प्रदर्शन किया. इस साल भारतीय मुद्रा के मुकाबले पाउंड आठ फीसदी गिर गया. आईएमएफ के पूर्वानुमानों के मुताबिक, एशियाई महाशक्ति भारत केवल अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी के बाद इस साल सालाना आधार पर डॉलर के मामले में ब्रिटेन आगे निकल गया है. एक दशक पहले भारत सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में 11वें स्थान पर था जबकि ब्रिटेन पांचवें नंबर पर था.