डेरा सच्चा सौदा के चीफ गुरमीत राम रहीम को अब पंजाब के फरीदकोट में नहीं जाना पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट ने पिछली दफा नवंबर 2020 में उस दलील को खारिज कर दिया था जिसमें मामले के दूसरे आरोपियों ने अपने खिलाफ चल रहे मामलों को दिल्ली या फिर किसी दूसरी स्टेट में ट्रांसफर की मांग की थी। लेकिन इस बार वो फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे तो अदालत पिघल गई।
फिलहाल मामलों को चंडीगढ़ में ट्रांसफर करवा दिया गया है। डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत रामरहीम को 2015 के बरगाड़ी बेअदबी केस में पुलिस ने आरोपी बनाया है। मामलों का ट्रायल फरीकोट में होना है। सुनवाई वहां होती तो राम रहीम को भी फरीदकोट में जाना पड़ता। बीते साल नवंबर में प्रदीप कुमार कटारिया की हत्या तब कर दी गई थी जब वो अपनी जमानत पर बाहर था।
आरोपियों की दलील थी कि बीते साल नवंबर में प्रदीप सिंह कटारिया की तब हत्या कर दी गई थी जब वो जमानत पर बाहर निकला था। उन सारे लोगों को डर है कि अगर वो अपने मामलों में पेशी के लिए फरीदकोट गए भी तो उनकी भी हत्या हो सकती है। पिछली दफा जब वो सुप्रीम कोर्ट गए थे तब डेरा प्रेमी की हत्या नहीं हुई थी। इस बार उनकी दलीलों को मानकर सुप्रीम कोर्ट ने उनके केस चंडीगढ़ में ट्रांसफर करने की मंजूरी दे दी
ट्रांसफऱ पटीशन डेरा प्रेमी सुखजिंदर सिंह, शख्ति सिंह, रंजीत सिंह, निशान सिंह बलजीत सिंह ने दायर की थी। उनका कहना था कि अगर आरोपी पंजाब में आए तो उनकी हत्या की जा सकती है। उनकी मांग थी कि मामलों को पंजाब से बाहर किसी दूसरी स्टेट में ट्रांसफर किया जाए। बरगाड़ी बेअदबी मामले में गुरु ग्रंथ साहिब के जले हुए हिस्से मिलने के बाद सारे पंजाब में तनाव फैल गया था। इसमें पुलिस ने सख्ती की तो दो लोगों की जान चली गई। पुलिस ने इस मामले में राम रहीम के अलावा सात और डेरा प्रेमियों को आरोपी बनाया है। पंजाब की नाभा जेल में बंद एक डेरा प्रेमी की भी बीते दिनों हत्या हुई थी। वो भी मामले का आरोपी था।