वैष्णो देवी और चारधाम की हेलीकॉप्टर से यात्रा के नाम पर ठगी, चार शातिर गिरफ्तार

दिल्ली: दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की स्पेशल सेल की आईएफएसओ यूनिट (IFSO unit) ने फर्जी हेलीकॉप्टर टिकट बुकिंग मॉड्यूल का भंडाफोड़ कर गैंग के मास्टरमाइंड और वेबसाइट डेवलपर समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक, ये गैंग नकली वेबसाइट बनाकर धार्मिक यात्रा के नाम पर फर्जी हेलीकॉप्टर की टिकट बेच रहा था.

इस गैंग ने वैष्णो देवी/केदारनाथ/बेद्रीनाथ यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर टिकट बुकिंग के लिए फर्जी वेबसाइट बनाई गई थी. इस गैंग के सदस्य बिहार और बंगाल में बैठकर ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहे थे. पुलिस की माने तो ये गैंग अबतक 100 से ज्यादा लोगों को 20 लाख रुपए का चूना लगा चुका है.

देश के अलग-अलग राज्यों से कर रहे थे ठगी

स्पेशल सेल की आईएफएसओ (IFSO) यूनिट के मुताबिक इस गैंग में भारत के अलग-अलग राज्यों के सदस्य काम कर रहे थे, कोई पश्चिम बंगाल से तो कोई बिहार से तो कोई यूपी से काम कर रहा था. पुलिस के मुताबिक इन्होंने यात्रा के नाम पर एक फर्जी वेबसाइट बनाई थी. जिन लोगों को वैष्णो देवी केदारनाथ बद्रीनाथ या चार धाम की यात्रा करनी होती थी, वह वेबसाइट पर जाकर बुकिंग करते थे लेकिन यात्रा करने वाले यात्री को यह नहीं पता था कि यह फेक वेबसाइट है इसी फेक वेबसाइट के जरिए यह लोग ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहे थे.

शिकायत मिलने पर दिल्ली पुलिस ने की कार्रवाई

दरअसल पुलिस को 100 से ज्यादा शिकायत मिली थी, जब पुलिस ने शिकायत के बाद मामला दर्ज किया और जांच शुरू की तो पुलिस को पता चला कि जिस वेबसाइट से हेलीकॉप्टर की टिकट बुक की जा रही है वह एक फर्जी वेबसाइट है. इसके बाद पुलिस ने उन बैंक खातों की जानकारी हासिल की जिन खातों के अंदर ठगी की रकम जा रही थी और कड़ियों को जोड़ते हुए पुलिस आखिरकार इस पूरे गैंग तक पहुंच गई.

पुलिस के मुताबिक गैंग के मास्टरमाइंड को फिरोजाबाद से गिरफ्तार किया गया, इसका नाम दीपक ठाकुर है और ये बी-टेक की पढ़ाई कर रहा है. दीपक ने ही फर्जी वेबसाइट बनाई थी और बाद में ठगी के लिए अपने साथ बाकी लोगों को शामिल किया. दीपक की ही निशानदेही पर पुलिस उसके बाद बाकी लोगों को भी धर दबोचा.

मामले में की जा रही पूछताछ

पुलिस ने इनके पास से 15 हार्ड डिस्क, दो लैपटॉप, 5 मोबाइल फोन, चेक-बुक और एटीएम कार्ड बरामद किए हैं. इन सभी से लगातार पूछताछ की जा रही है और यह जानने की कोशिश की जा रही है की यह गैंग कब से काम कर रहा था और अब तक और कितने लोगों को इसी तरीके से चूना लगा चुका है.

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