तमाम संगीन आरोपों में बेटे के साथ कई साल से खुद जेल में कैद आसाराम (बापू) का नाम इस बार फिर चर्चाओं में आ गया है.
तमाम संगीन आरोपों में बेटे के साथ कई साल से खुद जेल में कैद आसाराम बापू (asaram bapu) का नाम इस बार फिर चर्चाओं में आ गया है. भले ही इस मामले में अभी तक आसाराम की किसी संलिप्तता का कोई ठोस सबूत न मिला हो. इसके बावजूद मगर, यूपी की एक जिला जेल में बबाल मचा है. फिलहाल मामले की गंभीरता को देखते हुए उत्तर प्रदेश जेल महानिदेशालय हरकत में आ गया. लिहाजा जेल महानिदेशक और वरिष्ठ आईपीएस आनंद कुमार ने, घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिये हैं. यह जांच बरेली परिक्षेत्र के उप-महानिरीक्षक यानि डीआईजी द्वारा की जा रही है.
यह तमाम तथ्य मीडिया के हाथ मंगलवार को उत्तर प्रदेश जेल महानिदेशालय के अधिकृत व्हाट्सएप एकाउंट पर वायरल खबरों से मिले. इस बारे में जेल महानिदेशक आनंद कुमार ने पुष्टि की कि, “घटना संज्ञान में आई थी. मामले की गंभीरता को देखते हुए मैंने जांच टीम गठित कर दी गयी है. घटना यूपी के शाहजहाँपुर जिला जेल की बताई जाती है. जांच के उपरांत तथ्य सामने आने पर ही दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी.”
यूपी जेल महानिदेशालय सूत्रों के मुताबिक, कुछ दिन से सोशल मीडिया पर वीडियो और तस्वीरें वायरल हो रही थीं. इन तस्वीरों के बारे में कहा जा रहा था कि वे, जिला जेल शाहजहांपुर के अंदर की हैं. तस्वीरों के मुताबिक, कुछ कैदी जेल के अंदर जमीन पर पंक्ति में बैठे हैं. सफेद धोती कुर्ता पहने टोपी लगाये हुए एक अधेड़ उम्र का शख्स खड़ा होकर भाषण दे रहा है.
भाषण देने वाले शख्स के ठीक पीछे एक अस्थाई और छोटा सा मंच (स्टेज) बना हुआ है. जिस पर खाकी वर्दी में जेल अधिकारी कर्मचारी सा मालूम पड़ रहा शख्स बैठा है. मंच की पिछली अस्थाई दीवार के ऊपर विवादित और बदनाम आसाराम बापू की तस्वीर लगी हुई है. बस बबाल की जड़ यह बैनर ही है. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो और तस्वीरों के बाहर आने पर लोग पूछ रहे हैं कि, जो आसाराम बापू खुद जेल में वर्षों से बंद हो, उसके नाम से किसी जेल में बैनर लगाकर कोई कैदियों को कंबल कैसे बांट या बंटवा सकता है?
यूपी जेल पुलिस महानिदेशालय के अधिकृत व्हाट्सएप ग्रुप पर शेयर की गयी तस्वीर और कहानी के मुताबिक, खबर में दम तो है, मगर विषय गंभीर और जांच का है. कहा जा रहा है कि, अगर जांच में मामला सच पकड़ा गया, और दूर-दूर तक इस घटना के तार आसाराम से जुड़े मिले, तो उससे भी पूछताछ की जा सकती है. हांलांकि अभी आसाराम से पूछताछ किये जाने संबंधी चर्चाओं में कोई दम नजर नहीं आता है.
यूपी जेल महानिदेशालय के एक आला अफसर के मुताबिक, “मौजूदा हालातो में कुछ भी संभव है. फिलहाल जांच से पहले कुछ कह देना ठीक नहीं होगा. हां, डीजी जेल ने जांच कराई है. अगर जांच में तथ्य सही पाये गये तो शाहजहांपुर जिला के के कई अधिकारी कर्मचारियों पर गाज गिरना तय है. फंसने वालों में जेल वार्डर से लेकर जेल अधीक्षक तक हो सकते हैं.”
डीजी जेल आनंद कुमार के मुताबिक, “जांच कई बिंदुओं को आधार मानकर कराई जा रही है. मसलन क्या ऐसा कोई कार्यक्रम जेल के अंदर आयोजित किया गया. जिसमें कंबल बांटे गये. कंबल बांटने वाली संस्था कौन सी थी? वो जेल में प्रवेश कैसे कर सकी?
अगर संस्था को कंबल ही बांटने थे कैदियों की मदद के वास्ते, तो फिर संस्था ने बैनर पर किसी कैदी (आसाराम) की तस्वीर का इस्तेमाल या प्रयोग क्यों किया? इसके पीछे आखिर क्या मंशा थी? साथ ही जब किसी आरोपी कैदी वाले बैनर तले जेल में कंबल बांटे जा रहे थे तो उस वक्त जेल अफसरान और सुरक्षाकर्मी कहां थे क्या कर रहे थे? साथ ही ऐसी संस्था को आखिर जेल में किसने और किन परिस्थितियों में प्रवेश दिया?”