गाजियाबाद के इंदिरापुरम स्थित कनावनी गांव में आग लगने के हादसे के चलते लगभग 40 गायों की मौत हो गई. दरअसल आग एक झुग्गी बस्ती में लगी, जहां पर कबाड़ का गोदाम भी था और उसी बस्ती के बराबर में स्थित गौशाला में भी आग फैल गयी. दोपहर का समय था. गाय खूंटे से बंधी हुई थी. आग इतनी तेजी से फैली की सभी गायों को खोल पाना मुश्किल साबित हुआ और जिसकी वजह से इतनी बड़ी संख्या में गायों की झुलसने से मौत हो गई.
फिलहाल गाजियाबाद पुलिस मामले की जांच कर रही है. साथ ही साथ प्रशासन ने भी इस मामले में जांच करने की बात कही है और ये भी कहा है कि जो झुग्गी बस्ती बसी हुई थी, वह किन हालातों में बसाई गई थी, इसकी भी जांच होगी, क्योंकि आसपास के लोगों का कहना है कि बस्ती में रहने वाले लोग कबाड़ का काम करते हैं और वहीं पर कबाड़ का गोदाम भी बनाया हुआ था. इस संदर्भ में कई बार पुलिस व प्रशासन से शिकायत भी की जा चुकी थी. इस आग में गेहूं का एक खेत भी जल गया.
क्या है मामला
गाज़ियाबाद सिटी के एएसपी के अनुसार इस घटना की जानकारी सोमवार दोपहर लगभग 1:10 पर पुलिस को मिली, जिसके बाद दमकल विभाग को भी मौके पर बुला लिया गया और दमकल विभाग की लगभग 15 गाड़ियों की मदद से आग पर लगभग 1 घंटे में काबू पा लिया गया. अभी तक जो जानकारी सामने आई है, उसके अनुसार आग की शुरुआत बस्ती से हुई और फिर फैलते फैलते इस बस्ती से सटी गौशाला तक पहुंच गई.
अधिकतर गाय जिनकी मौत हुई है, वे बंधी हुई थी, जिस वजह से भाग नहीं पाई और उनकी मौत हो गई. उस समय गौशाला में एक कर्मचारी मौजूद था, जिसने कुछ अन्य लोगों की मदद से कुछ गायों को खोला भी. लगभग 20 गाय घायल भी हुई है. पुलिस मामले की जांच कर रही है. इसके अलावा यहां पर कुछ सिलेंडर भी थे, उनमें भी ब्लास्ट हुआ है. जिसकी वजह से आग और भी तेजी से फैली.
क्या है गौशाला के संचालक का कहना
गौशाला के संचालक सूरज पंडित का कहना है कि उन्हें दोपहर को फोन के माध्यम से सूचना मिली कि गौशाला में आग लग गई है. गौशाला के अंदर उस समय एक कर्मचारी मौजूद था, जिसने आसपास के लोगों की मदद से गायों को खोला लेकिन आग इतनी तेजी से फैली की सभी गायों को खोलना मुश्किल हो गया.
सूरज के अनुसार गौशाला में लगभग 100 गाय थीं. जिनमें से इस हादसे की वजह से 40 की मौत हो गई है. सूरज ने ये भी कहा कि इस झुग्गी बस्ती में कबाड़ का गोदाम भी बना हुआ था और इस विषय में उन्होंने कई बार पुलिस व प्रशासन से शिकायत भी की थी. लेकिन कुछ नहीं हुआ. इसी कबाड़ की वजह से ये आग लगी है. सूरज के अनुसार लगभग 3 साल से गौशाला को चला रहे हैं और उन्होंने इस गौशाला की जमीन को किराया पर लिया हुआ है