COVID-19 Cases in Delhi: देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) में कोविड-19 (COVID-19) ने एक बार फिर से अपना सितम ढाना शुरू कर दिया है. कोविड के ओमिक्रोन वेरिएंट (Omicron Verient) का एक नया सब-वेरिएंट बीए.5 (Sub Varient B.5) मिला है. दक्षिणी दिल्ली (South Delhi) और दक्षिणी पूर्वी (South East Delhi) व मध्य दिल्ली (Mid Delhi) में इस नए वेरिएंट के कुछ मामले पाए गए हैं. राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) के अधिकारी बताते हैं, ‘दिल्ली में ओमिक्रोन के इस नए सब-वेरिएंट के मामले जरूर पाए गए हैं लेकिन इससे किसी को भी घबराने की जरूरत नहीं है. क्योंकि इससे गंभीर संक्रमण नहीं दिखाई दिया है.’
मध्य, दक्षिण और दक्षिण पूर्व दिल्ली से मई और 16 जून के बीच एकत्रित कुछ नमूनों में ओमिक्रोन का बीए.5 उप-स्वरूप पाया गया है. भारतीय सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक्स संघ (इन्साकोग) द्वारा 17 जून को एक बैठक में इन निष्कर्षों पर चर्चा हुई थी. संघ ने वायरस के किसी नये स्वरूप या उप-स्वरूप के उभरने की संभावना को तलाशने और संक्रमण के कारणों का पता लगाने के लिए कोविड-19 संबंधी आंकड़ों की समीक्षा की थी.
दिल्ली में 628 नए कोरोना के मामले
अगर हम बात राजधानी दिल्ली की करें तो यहां पर भी कोरोना के मामलों में तेजी से बढ़ोत्तरी देखी गई है. बीते 24 घंटे में दिल्ली कोरोना के 628 नए मामले सामने आए हैं और 3 लोगों की मौत हो गई. वहीं संक्रमण दर 7.8 फीसदी दर्ज की गई. कुल सक्रिय मामलों की संख्या 4717 है. जबकि 1011 लोग ठीक होकर अपने घरों को पहुंचे हैं. राजधानी दिल्ली में अगर हम पिछले 10 दिन की बात करें तो 17 जून को जहां दिल्ली में 190 कंटेनमेंट जोन थे, वो 24 जून तक बढ़कर 322 हो गए हैं.
5 फीसदी सैंपल में बीए.5 सबफार्म होने की पुष्टि
मध्य और दक्षिण पूर्व दिल्ली से लिये गये जिन नमूनों का जीनोम अनुक्रमण किया गया, उनमें से करीब पांच प्रतिशत में बीए.5 सबफार्म होने की पुष्टि हुई. वहीं दक्षिण दिल्ली से लिये गये करीब दो प्रतिशत नमूनों में इसकी मौजूदगी मिली. अधिकतर नमूनों में ओमिक्रोन के बीए.2 सबफार्म के होने का पता चला. विशेषज्ञों के अनुसार बीए.5 तेजी से फैलता है लेकिन इससे गंभीर संक्रमण नहीं होता.
1 जून से 16 जून तक के सैंपल भेजे गए
सूत्रों ने बताया कि दिल्ली से राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) में जीनोम अनुक्रमण (सीक्वेंसिंग) के लिए भेजे गये कुछ नमूनों में ओमिक्रोन के बीए.4 और बीए.5 उप-स्वरूपों के होने की पुष्टि हुई जिनसे जनवरी में संक्रमण के मामलों की संख्या में इजाफा देखा गया था. विशेषज्ञों ने यह भी बताया कि यकृत एवं पित्तविज्ञान संस्थान (आईएलबीएस) में 30 नमूनों का जीनोम अनुक्रमण किया गया जिनमें से दो में बीए.5 उप-स्वरूप के होने की पुष्टि हुई. नमूनों को एक जून से 16 जून के बीच प्रयोगशाला में भेजा गया था.