10 वर्ष पहले परिवार से बिछड़ी 23 वर्षीय लडकी को, मिसिंग पर्सन हेल्पलाइन ऑपरेशन मुस्कान अभियान के अंतर्गत परिजनों से मिलाया

पुलिस आयुक्त विकास अरोड़ा ने प्रथम श्रेणी प्रशंसा पत्र एवं 5-5 हजार रु का नकद इनाम देकर लडकी को मिलाने वाली टीम की हौसला अफजाई ।

फरीदाबाद- पुलिस आयुक्त विकास कुमार अरोड़ा के दिशा निर्देश व ऑपरेशन मुस्कान के तहत कार्य करते थाना सेक्टर 7 प्रभारी इंस्पेक्टर नवीन की टीम मिसिंग पर्सन हल्पलाईन सेक्टर-7 ने 10 वर्ष पहले परिवार से बिछडे लडकी को परिजनों को तलाश कर, लडकी को परिजनों से मिलाने का सराहनीय कार्य किया है। गुमशुदा बच्चा अब 23 वर्ष का हो गया है।

पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि मुस्कान ऑपरेशन के तहत फरीदाबाद पुलिस की टीम से एसआई कृष्ण लाल, श्रीमती अर्चना चाइल्ड प्रोटक्शन ऑफिस व श्रीमती अनीता मलिक मिसिंग पर्सन हेल्पलाइन ने 10 वर्ष बाद गुमशुदा लड़की को उसके परिवार से वीडियो कॉल कर संपर्क करा मिलवाया है। टीम ने फरीदाबाद में चैरिटेबल संस्थाओं का दौरा किया इस दौरान जो बच्चे कई वर्ष से संस्थाओं में लावारिस हालत में रह रहे है। उनकी टीम के द्वारा काउंसलिंग की गई, काउंसलिंग के दौरान कर्ममार्ग चैरिटेबल सोसायटी गांव खेड़ी कलां में एक लड़की मिली जो वर्ष 2013 में 13 वर्ष की अवस्था में अपने माता-पिता के साथ ट्रेन में काम के सिलसिले में अपने घर से दिल्ली आ रही थी ट्रेन में भीड़ होने के कारण अपने परिवार से बिछड़ गई लावारिस हालत में लडकी बल्लभगढ़ रेलवे स्टेशन पर पहुंच गई। जिसको लावारिस पाकर सीडब्ल्यूसी ने कर्ममार्ग चैरिटेबल सोसायटी गांव खेड़ी कला में दाखिल कर दिया। लडकी से यह भी पता चला कि उसके मामा का दोस्त हरि नाम का व्यक्ति पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास रहता है। लडकी उसके पास भी पहले एक हफ्ता रह चुकी है। टीम द्वारा लडकी को साथ लेकर दिल्ली में हरी नाम के व्यक्ति की तलाशा की गई। जो लडकी काफी वर्ष पहले दिल्ली आई थी जिसको अच्छे से स्थाना के संबंध में जानकारी नही है। लडकी ने अपने पिता का नाम श्री राम सिंह गांव मणिपुरी उड़ीसा बतलाया। टीम ने दिल्ली के एरिया में तलाशी के समय एक मेडिकल चालक से बात कि जिसने बताया कि लडकी के पते का एक मेरा दोस्त है। जो उस व्यक्ति की आवाज से उसने बताया कि वहां उसके एरिया का है। उस व्यक्ति ने अपना निवास छत्तीसगढ़ बताया। लडकी ने कहा सर मेंने गलती से उड़ीसा बताती रही मुझे याद आया कि मेरा राज्य छत्तीसगढ़ है में मणिपुरी के पास के एक छोटे से गांव चमपुर है। जो मेडिकल चालक ने बताया कि उस गांव के पास मेरा एक दोस्त है। उससे बात करने पर लडकी के गांव का नम्बर मिला जिससे लडकी की वीडियो कॉलिंग के माध्यम से बात कराई गई। बात के दौरान ही उस महिला ने लडकी को पहचान लिया जिसने कुछ ही समय बाद उसके परिवारजनों से उसकी पहचान करवा दी। 10 साल के बाद अपनी बच्ची को सकुशल देखकर लडकी के परिवार ने फरीदाबाद पुलिस का तहे दिल से धन्यवाद किया। इस सराहनीय काम को देखते हुए पुलिस कमिश्नर श्री विकास कुमार अरोड़ा ने टीम के प्रत्येक सदस्य को प्रशंसा पत्र के साथ 5-5 हजार रुपए इनाम नगद देकर हौसला अफजाई कि है। गुमशुदा लड़की का परिवार फरीदाबाद पहुंचने पर कार्रवाई के माध्यम से लड़की को उसके हवाले किया जाएगा।

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