मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने का अल्टीमेटम देकर राज ठाकरे ने खड़ा किया नया विवाद, दी ये धमकी

अपने बयानों को लेकर हमेशा सुर्खियां बटोरने वाले एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे ने मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने का सरकार को अल्टीमेटम देकर फिर एक बार नया विवाद छेड़ दिया है. तो दूसरी तरफ शिवसेना ने राज ठाकरे को बीजेपी का लाउडस्पीकर कहकर हमला बोला है. 2019 चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी पर हमला बोलने वाले राज ठाकरे के सुर आखिर क्यों बदल गए हैं क्या है इसके पीछे की कहानी समझते हैं इस रिपोर्ट के जरिए.

महाराष्ट्र की राजनीति में लंबे समय से अलग-थलग पड़े एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे ने एक बार विवादित बयान देकर नए मुद्दे को हवा दे दी है. महाराष्ट्र की उद्धव सरकार को अल्टीमेटम देते हुए राज ठाकरे ने कहा है कि 3 मई तक मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकर को सरकार हटा दे वरना परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहे.

मस्जिद के सामने हनुमान चालिसा का पाठ करेंगे एमएनएस कार्यकर्ता

राज ठाकरे ने कहा लाउडस्पीकर को हटाने का मुद्दा धार्मिक नहीं है बल्कि यह सामाजिक मुद्दा है मस्जिदों पर लगने वाले लाउडस्पीकर की आवाज से लोगों को परेशानी होती है और इसका हल अब निकालना ही होगा. सरकार ने 3 मई तक मौलवियों से बात कर स्पीकर नहीं हटाए तो एमएनएस कार्यकर्ता मस्जिदों के सामने हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे.

2 साल पहले तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी पर करारे हमले करने वाले एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे के भाषणों से बीजेपी और मोदी गायब है. यही वजह है की विपक्ष को राज ठाकरे को घेरने का मौका मिल गया है. शिवसेना नेता संजय राउत ने लाउडस्पीकर की राजनीति करने वाले राज ठाकरे को बीजेपी का ही लाउडस्पीकर करार दे दिया है. तो वहीं एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी राज ठाकरे की बीजेपी पर चुप्पी का मतलब क्या ऐसा सवाल पूछा है ?

ईडी इफेक्ट है मोदी की प्रशंसा ?

2014 में नरेंद्र मोदी के जबरा फैन रह चुके राज ठाकरे 2019 में सबसे बड़े आलोचक बन गए हैं. PM और बीजेपी को लेकर राज ठाकरे की भूमिका 360 डिग्री तक घूम चुकी है. अब फिर एक बार राज BJP के करीब जाते दिख रहे है. और यही वजह है कि उनके विरोधी इसे ED के नोटिस का इफेक्ट बता रहे हैं.

2019 विधानसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र की सियासत में जो राजनीतिक प्रयोग देखने मिला . जिसमें हिंदुत्ववादी छवि रखने वाली शिवसेना ने सेक्यूलर वादी कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई. जिसके बाद से ही राज ठाकरे ने हिंदुत्व के मुद्दों को उठाकर हिंदुत्ववादी छवि की राजनीति चमकाना शुरू कर दिया है.

बीजेपी के साथ नई संभावनाएं तलाश रहे हैं राज ठाकरे

शिवसेना और बीजेपी के बीच में चल रही तनातनी में राज ठाकरे के लिए नई संभावनाएं जगाई और यही वजह है कि वे लाउडस्पीकर जैसे मुद्दों को उठाकर हिंदुत्ववादी छवि का नेता बनने की फिराक में है सवाल यह है कि आगामी मुंबई महानगर पालिका चुनाव में इसका उनकी पार्टी को कितना फायदा होगा यह तो राज्य की जनता ही तय करेगी.

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