उत्तर प्रदेश के तीन और जिलों में कोरोना पाबंदियों में दी गई ढील, एक्टिव मरीजों की संख्या 600 से कम

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोरोना कर्फ्यू में ढील देने वाले जिलों में मंगलवार को तीन और जिले के नाम जुड़ गए. यह तीनो जिले गाजीपुर, लखीमपुर खीरी और जौनपुर हैं. इन जिलों में भी एक्टिव मरीजों की संख्या 600 से कम हो गई है. इससे पहले सोमवार को 61 जिलों में पाबंदियों में ढील देने का ऐलान किया गया था. इस तरह अब तक कुल 64 जिलों में ढील दी गई है. सरकार के आदेश के अनुसार यदि किसी जिले में कोविड-19 के एक्टिव मरीजों की कुल संख्या 600 से ज्यादा हो जायेगी तो उस जिले में कोरोना कर्फ्यू में दी गई ढील खुद ब खुद समाप्त हो जाएगी. इन जिलों में कोरोना संक्रमण के एक्टिव मामले 600 से नीचे हो गए हैं. इन जिलों में एक जून से सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक गतिविधियां कर सकेंगे, शनिवार व रविवार को साप्ताहिक बंदी रहेगी.
अनुमति और पाबंदियां
जिन जिलों में लॉकडाउन की पाबंदियों में ढील दी गई है, वहां कोरोना के अभियान से जुड़े फ्रंट लाइन सरकारी विभागों में पूर्ण उपस्थिति रहेगी लेकिन बाकी के सरकारी दफ्तर 50 फीसदी उपस्थिति के साथ खुल सकेंगे, जो 50 प्रतिशत कर्मचारी उपस्थित रहेंगे उनको चक्रानुक्रम पद्धति से बुलाया जाएगा. सभी दफ्तरों में कोविड हेल्‍प डेस्‍क स्थापित करना जरूरी होगा. प्राइवेट कंपनियों में ”वर्क फ्रॉम होम” की व्यवस्था को प्रोत्साहित करने को कहा गया है. औद्योगिक संस्थान खुले रहेंगे और इन संस्थाओं में कार्यरत कर्मियों को अपने परिचय पत्र या संबंधित इकाई के प्रमाण पत्र के आधार पर आने जाने की अनुमति प्रदान की जाएगी.
आदेश के मुताबिक सब्जी मंडियां खुली रहेंगी लेकिन घनी आबादी वाली सब्जी मंडियों को प्रशासन खुले स्थानों पर खुलवाएगा. रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट और रोडवेज बसों में कोविड प्रोटोकॉल के सभी नियमों के पालन के साथ ही स्‍क्रीनिंग व एंटीजन जांच भी की जाएगी जिससे लक्षण वाले व्‍यक्तियों को उपचार के लिए अस्पतालों में भेजा जा सके.
स्‍कूल, कॉलेज बंद रहेंगे और माध्‍यमिक व उच्‍च शिक्षण संस्‍थानों, कोचिंग कक्षाओं में ऑनलाइन पढ़ाई की अनुमति विभागीय आदेशों के अनुरूप होगी. शिक्षकों एवं कर्मचारियों को प्रशासनिक कार्यों के लिए विद्यालय आने जाने की अनुमति रहेगी. आदेश के मुताबिक निषिद्ध क्षेत्रों को छोड़कर शेष सभी क्षेत्रों के धार्मिक स्थलों के अंदर एक बार में एक स्थान पर पांच से अधिक श्रद्धालुओं को मौजूद रहने की मनाही है.

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