स्टेट बैंक ने अपनी शिकायत में कहा है कि यह कंपनी रियल एस्टेट बिजनेस में है. कंपनी ने 2013-2018 के बीच पांच सालों तक अपने अकाउंट बुक और फाइनैंशियल स्टेटमेंट को गलत दिखाया है.
CBI ने 4736 करोड़ के बैंक फ्रॉड मामले में हैदराबाद स्थित कोस्टल प्रोजेक्ट्स लिमिटेड (Coastal Projects Limited) और इसके डायरेक्टर के खिलाफ मामला दर्ज किया है. SBI के नेतृत्व में बैंकों के कंर्सोटियम ने कंपनी को लोन दिया था. स्टेट बैंक ने अपनी शिकायत में कहा है कि यह कंपनी रियल एस्टेट बिजनेस में है. कंपनी ने 2013-2018 के बीच पांच सालों तक अपने अकाउंट बुक और फाइनैंशियल स्टेटमेंट को गलत दिखाया है.
हैदराबाद और विजयवाड़ा में आरोपियों के घर और कंपनी के पते पर सीबीआई के अधिकारी पहुंचे. यहां सीबीआई अधिकारियों को कई अहम दस्तावेज हाथ लगे हैं. जानकारी के मुताबिक कंपनी ने प्रमोटर के स्टेक को भी लेकर बैंकों के कंसोर्टियम को गलत जानकारी दी. इस कंपनी ने रिलेटेड पार्टी की तरफ से आने वाले फंड को निवेश के रूप में दिखाया और बैंक के फंड का घपला किया गया है.
इन्हें आरोपी बनाया गया है
कंपनी के लोन अकाउंट को रेट्रोस्पेक्टिव रूल का इस्तेमाल करते हुए 28 अक्टूबर 2013 को नॉन परफॉर्मिंग असेट्स (NPA) घोषित किया गया है. 20 फरवरी 2020 को इसे फ्रॉड घोषित किया गया. CBI ने अपनी एफआईआर में कंपनी, उसके चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर सब्बीनेनी सुरेंद्र, मैनेजिंग डायरेक्टर गणपति हरिहारा राव, डायरेक्टर्स श्रीधर चंद्रशेखरण, शरद कुमार, के रमौली, के अंजामा को आरोपी बनाया है. इसके अलावा एफआईआर में एक अन्य कंपनी रवि कैलास बिल्डर प्राइवेट लिमिटेड और उसके डायरेक्टर रमेश और गोविंद कुमार को आरोपी बनाया गया है.