क्रिकेट की दुनिया हादसों से भरी पड़ी है. 164 साल पहले जन्म लेने वाले इस बल्लेबाज के साथ भी ऐसा ही हुआ. ये खिलाड़ी डिप्रेशन की बलि चढ़ गया.
क्रिकेट की दुनिया में आज के दिन जन्म हुआ था विलियम स्कॉटन (Williom Scotton) का. इंग्लैंड (England Cricket Team) के लिए क्रिकेट खेलने वाले स्कॉटन की जिंदगी की कहानी भी उनके करियर की ही तरह बहुत लंबी नहीं रही. टेस्ट करियर में जहां उन्होंने 15 ही मुकाबले खेले, वहीं 37 साल की उम्र में उन्होंने दुनिया भी छोड़ दी. 15 और 37 के इस आंकड़े के बीच खड़ा रहा वो क्रिकेटर, जिसने अपनी रक्षात्मक बल्लेबाजी से एक खास पहचान बनाई. विलियम स्कॉटन का जन्म 15 जनवरी 1856 को नॉटिंघम में हुआ था. और 9 जुलाई 1893 को उन्होंने अपनी जिंदगी की डोर खुद ही काट दी. विलियम बाएं हाथ से बल्लेबाजी किया करते थे.
विलियम स्कॉटन सिर्फ एक क्रिकेटर ही नहीं थे, बल्कि साल 1874 और 1875 में उन्होंने मेरिलबोर्न क्रिकेट क्लब में बतौर ग्राउंड्समैन भी काम किया. स्कॉटन ने जो 15 टेस्ट इंग्लैंड के लिए खेले, उनमें उन्होंने 22.17 की औसत से 510 रन बनाए. इस प्रारूप में उनके नाम 3 अर्धशतक भी दर्ज हैं. स्कॉटन को तकनीकी रूप से बेहद दक्ष बल्लेबाज माना जाता था. यही वजह थी कि वो घंटों तक क्रीज पर टिक सकते थे.
225 गेंदों पर बनाए 34 रन
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 1886 में ओवल में खेले गए एक मुकाबले में तो उन्होंने चार घंटे से ज्यादा समय तक बल्लेबाजी की और सिर्फ 34 रन बनाए. तब उन्होंने डब्ल्यू जी ग्रेस के साथ मिलकर पहले विकेट के लिए 170 रन की साझेदारी की थी. इन 34 रनों के लिए उन्होंने 225 गेंदों का सामना किया था. दिलचस्प बात ये है कि उनके आउट होने के बाद क्रीज पर उतरे वॉल्टर रीड ने 210 मिनट में ही 94 रन ठोक दिए थे. इसके बाद लंदन की एक मैग्जीन में स्कॉटन की धीमी बल्लेबाजी पर एक व्यंग्य भरी कविता प्रकाशित हुई. हालांकि जल्द ही स्कॉटन किसी वजह से डिप्रेशन में चले गए और परेशान रहने लगे. इसी तनाव के चलते 9 जुलाई 1893 को उन्होंने ब्लेड से गला काटकर आत्महत्या कर ली.