PMBJP Kendra: आम लोगों पर दवा के खर्च को कम करने के लिए केंद्र सरकार ने साल 2015 में प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (Pradhan Mantri Bhartiya Janaushadhi Pariyojana) शुरू की थी. इसके जरिए सरकार का उद्देश्य देश के दूरदराज इलाकों तक लोगों को सस्ती दवा पहुंचाना है. जनऔषधि केंद्रों पर (Jan Aushadhi Kendra) जेनरिक दवाएं 90 फीसदी तक सस्ती मिलती हैं. भारत सरकार लक्ष्य है कि मार्च 2025 तक जन औषधि केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 10,500 कर दी जाए. ऐसे में आप जन औषधि केंद्र खोलकर कमाई कर सकते हैं.
वित्त मंत्रालय ने ट्वीट कर बताया कि सभी 734 जिले इस योजना में कवर किए जा चुके हैं. जन औषधि केंद्र पर वितरित की जाने वाली दवाइयों की संख्या बढ़ाकर 1,449 कर दी गई है. अब तक जन औषधि योजना के तहत दिए जाने वाले सर्जिकल की संख्या को बढ़ाकर 204 कर दिया गया है.
जन औषधि केंद्र कैसे खुलता है?
जेनरिक मेडिकल स्टोर शुरू करने में 2.50 लाख रुपए का ही खर्च आता है और इस तरह से पूरा खर्च सरकार खुद उठा रही है. सरकार ने जेनेरिक मेडिकल स्टोर शुरू करने के लिए तीन तरह की कैटेगरी बनाई है. पहली कैटेगरी के तहत काई भी व्यक्ति, बेरोजगार फार्मासिस्ट, डॉक्टर या रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशन स्टोर शुरू कर सकता है. दूसरी कैटेगरी के तहत ट्रस्ट, एनजीओ, प्राइवेट हॉस्पिटल, सोसायटी सेल्फ हेल्प ग्रुप को अवसर मिलेगा. तीसरी कैटेगरी में राज्य सरकारों की तरफ से नॉमिनेट की गई एजेंसीज होंगी.
जरूरी बातें
इसके लिए 120 स्क्वैयर फीट एरिया में दुकान होनी जरूरी है. स्टोर शुरू करने के लिए सरकार की तरफ से 1400 दवाइयां उपलब्ध कराई जाएंगी.
जन औषधि केंद्र से दवाओं की बिक्री से 20 फीसदी तक का मुनाफा मिलता है.
इसके अलावा हर महीने होने वाली बिक्री पर अलग से 15 फीसदी का इंसेंटिव मिलता है, हालांकि इंसेंटिव की अधिकतम सीमा 10,000 रुपये महीना तय है.
यह इंसेंटिव तब तक मिलेगा, जब तक कि 2.5 लाख रुपए पूरे न हो जाएं.
वहीं नक्सल प्रभावित और नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में इंसेंटिव की अधिकतम सीमा 15 हजार रुपए प्रति माह तक है.
जन औषधि केन्द्र के लिए रिटेल ड्रग सेल्स का लाइसेंस जन औषधि केंद्र के नाम से लेना होता है. इसके लिए फार्म यहां से http://janaushadhi.gov.in/online_registration.aspx डाउनलोड कर सकते हैं. अगर आपने महीने में 1 लाख रुपये की भी बिक्री की तो उस महीने में आपको 30 हजार रुपए की कमाई हो जाएगी.