बैंक ऑफ बड़ौदा : टेक्नोलॉजी इतनी एडवांस हो चुकी है कि अब टच किए बगैर ATM मशीन से पैसे निकाले जा सकते हैं. दरअसल कोरोना महामारी के शुरू होने के बाद कुछ बैंकों ने कॉन्टैक्टलेस ट्रांजैक्शन की सुविधा शुरू की थी. हालांकि यह पूरी तरह कॉन्टैक्टलेस नहीं है. इसमें भी ह्यूमन बॉडी टच जरूरी होता है. अब मास्टरकार्ड ने AGS ट्रांजैक्ट टेक्नोलॉजी (AGS Transact Technologies) के साथ करार किया है, जिसके बाद अब यूजर्स को 100 फीसदी कॉन्टैक्टलेस ट्रांजैक्शन की सुविधा मिलेगी.
यह प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल होगी. इसके लिए यूजर्स को अपने मोबाइल ऐप से ATM मशीन के क्यूआर कोड (ATM QR Code) को स्कैन करना होगा. अब अपने फोन पर डेबिट कार्ड का पिन और अमाउंट डालना होगा. प्रक्रिया पूरी होते ही एटीएम वह ट्रांजैक्शन करेगा और मशीन से पैसे निकल आएंगे. अभी तक के कॉन्टैक्टलेस ट्रांजैक्शन में कस्टमर्स को अमाउंट डालने के लिए एटीएम मशीन को छूना जरूरी होता है. अब स्कैन करते ही एटीएम का सारा ऑप्शन फोन में आ जाएगा और आगे की प्रक्रिया फोन में करनी होगी. अंत में एटीएम से पैसे निकल आएंगे.
ATM फ्रॉड पर लगेगा लगाम
ऐसे में जो बैंक मास्टरकार्ड नेटवर्क का इस्तेमाल करते हैं वे AGS कंपनी से संपर्क कर सकते हैं. कंपनी के ग्रुप चीफ टेक्नोलॉजिकल ऑफिसर महेश पटेल ने मिंट से कहा कि इससे एटीएम फ्रॉड पर भी लगाम लगेगा. उन्होंने कहा कि हम इस प्रोजेक्ट पर पिछले दो सालों से काम कर रहे हैं. कोरोना के पहले से ही इस टेक्नोलॉजी पर काम चल रहा था. हमारा मकसद एटीएम फ्रॉड को कम करना है.
बैंक ऑफ बड़ौदा ने शुरू की सुविधा
AGS टेक्नोलॉजी ने सबसे पहले इसके लिए बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ काम किया है. पहले बैंक की यह सेवा पूरी तरह कॉन्टैक्टलेस नहीं थी. अब एटीएम से पैसे निकासी करना 100 फीसदी कॉन्टैक्टलेस हो गया है. कंपनी का कहना है कि अगर कोई बैंक अपने ग्राहकों के लिए इस सुविधा को शुरू करना चाहता है तो उसके लिए सॉफ्टवेयर में थोड़ा अपडेशन जरूरी है. इसके अलावा ATM स्विच में भी बदलाव करना होगा. कंपनी ने अपनी टेक्नोलॉजी को NPCI के सामने भी प्रस्तुत किया है.