दरभंगा रेलवे स्टेशन पर हुए बम धमाके के मामले में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने लश्कर-ए-तैयबा के दो और आतंकियों मोहम्मद सलीम अहमद और कफील को गिरफ्तार किया है. यह दोनों भी उत्तर प्रदेश के कैराना इलाके के ही बताए गए हैं. इनमें से मोहम्मद सलीम पाकिस्तान में बैठे इकबाल काना के संपर्क में था और लश्कर के आतंकवादियों के लिए आने वाले फंडिंग की व्यवस्था भी उसी के जरिए की जा रही थी
दरभंगा रेलवे स्टेशन पर हुए बम धमाके के गुनाहगार नासिर खान और इमरान मलिक एनआईए ने इन दोनों को गिरफ्तार किया था. इनकी गिरफ्तारी के बाद सनसनीखेज खुलासा यह हुआ कि वास्तव में दोनों रहने वाले तो उत्तर प्रदेश के शामली जिले के कैराना जगह के थे लेकिन अपने हैंडलर के कहने पर यह दोनों हैदराबाद में रह रहे थे
ट्रेन को द बर्निंग ट्रेन बनाना था मकसद
जांच के दौरान यह भी पता चला कि इन लोगों का मकसद ट्रेन को द बर्निंग ट्रेन बनाना था. इन दोनों से हुई पूछताछ के आधार पर एनआईए ने आज मोहम्मद सलीम अहमद और उर्फ हाजी सलीम और कफील नाम के दो और कथित आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है. दिलचस्प यह है कि यह दोनों भी पश्चिम उत्तर प्रदेश के कैराना के ही रहने वाले हैं.
एनआईए के एक आला अधिकारी ने बताया कि आज गिरफ्तार किया गया मोहम्मद सलीम पाकिस्तान में बैठे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के खासम खास और लश्कर कमांडर इकबाल काना के संपर्क में था. जांच के दौरान यह भी पता चला कि सलीम कई बार पाकिस्तान जा चुका है और सलीम लश्कर का वो मोहरा है जिसके जरिए आतंकवादियों के लिए फंडिंग भी की जा रही थी
दरभंगा एक्स्प्रेस में बम धमाके की गई थी साजिश
एनआईए के मुताबिक इन लोगों से आरंभिक पूछताछ के दौरान पता चला कि सिकंदराबाद दरभंगा एक्सप्रेस में बम धमाके की साजिश फरवरी 2021 में हाजी सलीम के घर पर ही बनी थी. हाजी सलीम के घर पर ही नासिर और इमरान आए थे जहां यह तय किया गया था कि आईईडी बनाकर चलती ट्रेन में बम धमाका कराया जाए जिससे ज्यादा से ज्यादा जान माल का नुकसान हो सके. एनआईए का दावा है कि इस मामले में आज गिरफ्तार हाजी सलीम और कफील इस साजिश की मुख्य मोहरों में से है.
एनआईए सूत्रों के मुताबिक इनमें हाजी सलीम काफी महत्वपूर्ण शख्स है और आरंभिक जांच में यह भी पता चला है कि वह लश्कर के रिक्रूटर के तौर पर भी काम करता था अब उसे रिमांड पर लेकर यह पूछताछ की जाएगी कि उसने पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत अन्य जगहों पर कितने लोगों को गुमराह कर लश्कर में भर्ती किया है और यह लोग कहां कहां है यानी एनआईए की कोशिश आतंक की एक बड़ी जड़ को काटने की है
एनआईए के मुताबिकइन चारों की गिरफ्तारी से पश्चिमी उत्तर प्रदेश हैदराबाद और बिहार के अनेक लश्कर संपर्कों का पता चल सकता है इन चारों को ट्रांजिट रिमांड के जरिए पटना की विशेष अदालत के सामने पेश किया जा रहा है जिससे रिमांड पर लेकर पूरी साजिश का पर्दाफाश किया जा सके.