नई दिल्ली: पेगासस जासूसी मामले (Pegasus scandal) में नया मोड़ आया है. कथित तौर पर जासूसी के लिए संभावित सूची में शामिल पांच पत्रकारों ने भी सुप्रीम कोर्ट की शरण ली है. इन्होंने सुप्रीम कोर्ट से केंद्र को स्पाइवेयर के इस्तेमाल को लेकर सारे ब्यौरे का खुलासा करने के निर्देश देने की मांग की है. इसके साथ ही कहा गया है कि अदालत इसके इस्तेमाल को अवैध घोषित करे. याचिका में कहा गया हैकि सरकारी एजेंसियों द्वारा निगरानी के अनधिकृत उपयोग ने उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन किया है. पेगासस स्पाइवेयर का उपयोग करके अपने मोबाइल फोन की कथित हैकिंग से सीधे प्रभावित और व्यक्तिगत रूप से पीड़ित होने का दावा करने वाले व्यक्तियों की ओर से ये पहली याचिका है.
याचिकाकर्ताओं में प्रंजॉय गुहा ठाकुरता, SNM आब्दी, प्रेम शंकर झा, रूपेश कुमार सिंह और इप्सा शताक्शी शामिल हैं. इनका कहना है कि एमनेस्टी इंटरनेशनल द्वारा की गई उनके मोबाइल फोन की फोरेंसिक जांच से पता चला है कि इनको (मोबाइल फोन को) पेगासस का इस्तेमाल करके निशाना बनाया गया था. याचिकाकर्ताओं का कहना है कि उनके पास यह मानने के मजबूत कारण हैं कि उन्हें “भारत सरकार या किसी अन्य तीसरे पक्ष द्वारा गहन घुसपैठ और हैकिंग” के अधीन किया गया है.केंद्र सरकार ने अभी तक निगरानी उद्देश्यों के लिए पेगासस का लाभ उठाने से स्पष्ट रूप से इनकार नहीं किया है. इससे पहले तीन याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हो चुकी हैं, जिन पर मुख्य न्यायाधीर (CJI) एनवी रमना की बेंच को गुरुवार को सुनवाई करनी है